अजमेर के तारागढ़ पहाड़ी पर जाने वाले रास्ते पर एक ऐसी दरगाह है, जहां 850 साल पुराना नीम का पेड़ है। जिसके एक हिस्से की पत्तियां मीठी है और दूसरे हिस्से में पत्तियां कड़वी है। अजमेर में ख्वाजा गरीब नवाज़ की दरगाह में देश विदेश से लोग अपनी मन्नत मांगने के लिए आते हैं। यहां आने वाले लोग ख्वाजा गरीब नवाज से जुड़ी हुई जगहों और दूसरी दरगाहों पर भी जाते हैं। इन जगहों में से एक है पीर बाबा गैबन शाह की दरगाह।
तारागढ़ पहाड़ी की तलहटी में मौजूद पीर बाबा गैबन शाह की दरगाह को ज्यादातर लोग मीठे नीम वाली दरगाह के नाम से जानते हैं। जो एक बार इस चमत्कार को देख लेता है, उसकी आस्था की डोर पीर बाबा गैबन शाह की दरगाह से जुड़ जाती है।
हाजी पीर चांद ख़ान बाबा बताते हैं कि ख्वाजा गरीब नवाज़ के अजमेर आने के बाद पीर बाबा गैबन शाह अजमेर आए थे। ख्वाजा गरीब नवाज़ की दुआ से नीम में ये चमत्कार देखने को मिला।
पेड़ का एक हिस्सा जो मज़ार की तरफ झुकता है, उन टहनियों पर लगी पत्तियां स्वाद में मीठी हैं। जबकि पेड़ का दूसरा हिस्सा जो दूसरी ओर झुका है, उसकी शाखों पर लगी पत्तियां आम नीम की तरह कड़वी हैं। वो बताते हैं कि मज़ार की ओर झुकी हुई नीम की पत्तियां मीठी होने के साथ-साथ लोगों को कई तरह की बीमारी से छुटकारा भी दिलाती देती हैं।
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