संजय वानी ने बताया कि उनकी संस्था रोजाना 1800 खाने के पैकेट तैयार करती है और इन्हें अस्पताल में बांटती है। इनमें से 1200 रात के खाने के लिए होते हैं जबकि 600 इफ्तार के लिए। वे बताते हैं कि इफ्तार के लिए उनकी संस्था रोज खजूर, केला, जूस और पानी की बोतलें भी बांटती है। उनकी संस्था व्यंजनों की रेसिपी भी बदलती है और उनकी सेवाएं झंडी के नीचे छिपे लोगों तक पहुंचती हैं।
ये स्वयंसेवक घाटी के रोगियों की मदद करते हैं, जिसमें जम्मू, पुंछ, राजौरी और डोडा के लोग शामिल हैं। एनजीओ में 500 से अधिक स्वयंसेवक हैं, जो मुफ्त सेवाएं प्रदान करते हैं जैसे कि पैक भोजन-पानी उपलब्ध कराना। अस्पताल में जरूरतमंदों को सहायता के लिए 15 से अधिक युवा स्वयंसेवक भी होते हैं।
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