बिहार के किशनगंज में हिंदू-मुस्लिम कौमी एकता की मिसाल देखने को मिली। बिहार के किशानगंज में 70 फ़ीसदी मुस्लिम आबादी वाले इलाके में एक मुस्लिम परिवार ने खुशी-खुशी मंदिर के लिए लाखों की ज़मीन दान कर दी और ये नेक काम रमज़ान के मुक़द्दस महिने में किया। असल में दो मुस्लिम भाइयों ने मंदिर के लिए अपनी करीब 25 लाख रूपये की ज़मीन दान की। फैज़ अहमद और फज़ल अहमद ने एक कट्ठा यानी करीब 4 डिसमिल ज़मीन दान कर गंगा जमुनी तहज़ीब की अनोखी मिसाल पेश की।
मंदिर के लिए दान कर दी ज़मीन
फैज़ और फज़ल अहमद के पिता जेड अहमद ने मोहल्ले वासियों को मंदिर बनाने के लिए ज़मीन दान में देने की बात कही थी। लेकिन, कुछ वक़्त पहले फैज़ के वालिद का इंतेकाल हो गया। इसके बाद मोहल्ले वासियों ने जब इस बात की जानकारी उनकी पत्नी और बेटों को दी तो वे भी उनके वादे को पूरा करने से पीछे नहीं हटे। बेटों ने पिता के वादे को बरकरार रखा। किशनगंज के टाउन थाना इलाके के रूईधासा स्थित वाजपेई कॉलोनी में हनुमान मंदिर बनाने के लिए आधारशिला रखी गई, साथ ही झंडा फहराया गया। इस मौके पर हिंदू और मुस्लिम समाज के लोग मौजूद रहे। इस तरह फैज़ और फज़ल अहमद ने अपने पिता की आख़िरी ख़्वाहिश को पूरा किया।
पिता की आख़िरी ख़्वाहिश पूरी की
फैज़ ने DNN24 से बात करते हुए कहा कि पिताजी की यही आख़िरी ख़्वाहिश थी। सभी मज़हब के लोग मिलझुल कर रहे और ज़रूरत के वक़्त एक दूसरे के काम आ सके। इंसानियत से बड़ा कोई मज़हब नहीं होता है। फैज़ के भाई फज़ल अहमद ने कहा कि इस कॉलोनी में एक भी मंदिर नहीं था और अब मंदिर बनने से सभी लोगों को इसका फ़ायदा होगा। इस मौके पर मौजूद मकामी और रिहायशी लोगों ने दोनों भाईयों की भरपूर तारीफ़ की। मुस्लिम भाइयों ने ज़मीन दान कर हिंदू-मुस्लिम भाईचारा का पैगाम दिया है। वहीं, इस इलाके में उनकी इस पहल से लोग उनकी खूब तारीफ़ कर रहे हैं। ये जो नेक काम किया है वो वाकई काबिल-ए-तारीफ़ है।