हिंदी सिनेमा जगत के जाने माने कलाकार इरफ़ान ख़ान की कोई भी फिल्म ऐसी नहीं है जिसे भुला दिया जाए। हर फिल्म में उनकी दमदार एक्टिंग को लेकर लोग हैरान रह जाते है। इरफान खान की शानदार फ़िल्मों की एक लंबी फ़ेहरिस्त है, जिसमें उन्होंने अपनी अदाकारी से कमाल किया है जिसमें ‘मक़बूल’, ‘हैदर’, ‘मदारी’, ‘सात ख़ून माफ़’, ‘पान सिंह तोमर’, ‘तलवार’, ‘रोग‘, ‘एक डॉक्टर की मौत‘ जैसी फ़िल्मों में उनकी एक्टिंग की एक छोटी सी बानगी भर रहे हैं।
एक इंटरव्यू के दौरान इरफान खान ने कहा था कि उन्हें शुरुआती दौर में अपने चेहरे को लेकर विलेन का किरदार मिलता था, लेकिन अपनी मेहनत और दमदार एक्टिंग से इरफान फिल्मों के लीड रोल तक पहुंचे और बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक में अपना कमाल कर दिखाया। हॉलीवुड के फेमस एक्टर टॉम हैंक्स ने उनकी अदाकारी की तारीफ़ करते हुए एक बार कहा था कि ‘‘इरफ़ान की आंखें भी अभिनय करती हैं।’’
नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा ने इरफ़ान ख़ान की एक्टिंग को तराशा
राजस्थान के टोंक ज़िले से ताल्लुक रखने वाले नवाब ख़ानदान में 7 जनवरी 1967 को इरफान खान की पैदाइश हुई थी। इरफ़ान ख़ान के मामा एक एक्टर थे उनका अभिनय अभिनय देखकर, नाटकों के तरफ आए। जयपुर में अपनी तालीम के दौरान वो नाटकों में अभिनय करने लगे। अदाकारी का इरफ़ान का ये नशा, उन्हें ‘नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा’ यानी एनएसडी में खींच ले गया। नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा ने इरफ़ान ख़ान की एक्टिंग को तराशा।
ये इरफान की बेमिसाल हिम्मत और जज़्बा ही था जब साल 2019 में वो विदेश से अपनी बीमारी का इलाज करवा कर मुंबई वापस लौटे और ‘इंग्लिश मीडियम’ फ़िल्म की शूटिंग पूरी की। साल 2020 की शुरुआत में ये फ़िल्म रिलीज़ हुई। जब ऐसा लग रहा था कि उन्होंने अपनी बीमारी पर काबू पा लिया है। वो ज़िंदगी की जंग जीत गए हैं, कि अचानक 29 अप्रैल, 2020 को उनकी मौत की ख़बर ने सभी को सन्न कर दिया था। इरफ़ान ख़ान आज भले ही जिस्मानी तौर पर हमसे जुदा हो गए हों, लेकिन अपनी लासानी अदाकारी से वो अपने चाहने वालों के दिलों और ज़ेहन में हमेशा ज़िंदा रहेंगे।
इस ख़बर को पूरा पढ़ने के लिए hindi.awazthevoice.in पर जाएं।
ये भी पढ़ें: बचपन में खोए दोनों हाथ, आज हैं जम्मू-कश्मीर पैरा क्रिक्रेट टीम के कैप्टन: आमिर हुसैन लोन
आप हमें Facebook, Instagram, Twitter पर फ़ॉलो कर सकते हैं और हमारा YouTube चैनल भी सबस्क्राइब कर सकते हैं।