पंजाब के महानगर जालंधर से सटा एक ज़िला है कपूरथला। ये ज़िला कभी ब्रिटिश साम्राज्य की अहम रियासत हुआ करता था। यहां की मूरिश मस्जिद (Moorish Mosque, Kapurthala) अपने गौरवशाली इतिहास के लिए जानी जाती है। इसका निर्माण महाराजा जगजीत सिंह ने 1927 में शुरू कराया। इस मस्जिद को बनाने के लिए श्रमिकों ने दिन रात मेहनत की। 1927 में शुरू हुई मूरिश मस्जिद 3 साल की कड़ी मेहनत के बाद 1930 में मुकम्मल हुई।
1925 में महाराजा जगजीत सिंह जब मोरक्को गए तब उन्होंने वहां अलग-अलग जगहों का दौरा किया। उस दौरान उन्हें मोरक्को के मराकेश की विशाल मस्जिद और उसकी वास्तुकला बेहद पसंद आई। तब उन्होंने फैसला लिया कि वो अपने स्टेट में भी ऐसी ही एक मस्जिद का निर्माण करवाएंगे। मोरक्को से वापस आने के बाद उन्होंने मस्जिद निर्माण परियोजना का काम शुरू करने का विचार किया। इसके लिए उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक की और अपने अधिकारियों और सलाहकारों को मोरक्को की मराकेश स्थित मस्जिद का दौरा करने के लिए भेजा। ऐसा इसलिए ताकि वो मराकेश की विशाल और खूबसूरत मस्जिद की बारीकियों को समझें और एक ऐसी ही मस्जिद अपने ज़िले में भी बना सके।
ये मस्जिद महाराजा जगजीत सिंह की ओर से अपनी मुस्लिम प्रजा को दिया गया सबसे अहम तोहफा था। मूरिश मस्जिद (Moorish Mosque) का एक मॉडल लाहौर संग्रहालय के प्रवेश द्वार पर भी रखा गया है। बाद में इसके महत्व को बखूबी समझकर भारतीय पुरातत्व विभाग ने इसे बाकायदा संरक्षित कर लिया और अब इस मस्जिद को राष्ट्रीय स्मारक का दर्जा हासिल है।
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