2023 में 22 या 23 मार्च को माहे-रमज़ान शुरू होने की उम्मीद है। इस महीने को इस्लाम धर्म का बहुत ही रुहानी और पाकीजा महीना माना जाता है। इस महीने में मुस्लिम भाई-बहन रोजा रखकर शरीर और आत्मा की शुद्धि करते हैं। इस तरह हिंदू, ईसाई, जैन और बौद्ध धर्म में भी रोजा यानी उपवास की स्थापित परंपराएं मौजूद हैं।
रमज़ान के पवित्र महीने में दुनिया भर में लाखों मुस्लिम भाई रोजा रखते हैं। ये 12-14 घंटे भोजन न करने और पानी न पीने के लिए अत्यधिक आत्म-नियंत्रण करते हैं। अधिकतर लोग उनके उपवास के लाभों से अनजान हैं, लेकिन इसमें शारीरिक, आध्यात्मिक, मनोवैज्ञानिक और वैज्ञानिक लाभ होते हैं। मुस्लिम स्वास्थ्य पेशेवर इसे सुझाव देते हैं। इसके अलावा, रमज़ान गरीब और जरूरतमंद लोगों के साथ सहानुभूति बढ़ाने का अवसर भी प्रदान करता है।
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