मशहूर शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्लाह ख़ान की सरज़मी डुमरांव के रहने वाले शमीम मंसूरी देश का राष्ट्रीय झंडा तिरंगा बनाते हैं। आज़ादी का त्योहार आते ही शमीम का पूरा परिवार तिरंगा बनाने के काम में जुट जाता है। तीन रंग के कपड़ों की कटिंग कर उसे बारीकी से सिलकर तिरंगे का आकार देते हैं। बिहार के बक्सर से यूपी तक इनके बनाए गए झंडे ही लहराते हैं। शमीम को ये काम विरासत में मिला है। पहले उनके दादा और पिता झंडा बनाया करते थे और अब वो खुद जश्न-ए-आज़ादी के मौके पर हज़ारों राष्ट्रीय ध्वज बनाते हैं।
आवाज़ द वॉइस को शमीम बताते है कि “तीन पीढ़ियों से ये काम लगातार हमारे यहां चल रहा है। मेरी तीनों बेटियां इस काम में मेरा हाथ बटांती हैं। 2013 में मेरी पत्नी का इंतकाल हो गया। जब वो ज़िंदा थी तब उनका तिरंगे के प्रति बहुत प्रेम था।
आज़ादी को लेकर शमीम का मानना है कि जिस तरह होली और ईद के मौके पर लोग एक दूसरे को बधाई देते हैं, गले मिलते हैं। ऐसे ही जश्न-ए-आज़ादी पर हिंदुस्तानियों को गले मिल कर एक दूसरे को मुबारकबाद देनी चाहिए। मुल्क की आज़ादी से बड़ा कौन सा महापर्व है? हिन्दू अपना पर्व मनाते हैं, मुसलमान अपना, सिख अपना त्यौहार मनाते है, ईसाई अपना। आज़ादी एक ऐसा पर्व है जो सभी धर्म के लोग एक साथ मिल कर मनाते हैं। तिरंगा बनाना मेरे लिए सौभाग्य और गौरव की बात है।
इस खबर को पूरा पढ़ने के लिए hindi.awazthevoice.in पर जाएं।
ये भी पढ़ें: मनुष्य बनने की राह – बिस्मिल्लाह की शहनाई
आप हमें Facebook, Instagram, Twitter पर फ़ॉलो कर सकते हैं और हमारा YouTube चैनल भी सबस्क्राइब कर सकते हैं।