बनारस के मुकीम गंज मोहल्ले में रहने वाले असलम और उनकी पत्नी मेहनाज़ उस्मानी के लिए 16 अप्रैल की सुबह खुशियों की सौगात लेकर आई। उनकी बेटी आरफा उस्मानी ने जब फोन कर बताया कि मम्मी मैंने यूपीएससी क्रैक कर लिया है तो मानों, उनकी गोद में दुनियाभर की दौलत आ गिरी हों। उन्हें याद आने लगा, जब आरफा का नाम रखा गया था, उन्होंने याद किया कि उनकी बेटी के नाम का मतलब ‘बुलंदी’ है, जो आरफा ने सही साबित कर दिखाया है।
आरफा को सफलता भले ही चौथे प्रयास में मिली हो लेकिन ये सफलता उनकी कठिन मेहनत का नतीजा है। आरफा ने सिविल सर्विसेज की तैयारी किसी कोचिंग संस्थान में प्रवेश लिए बगैर की थी। पूरी शिद्दत से मेहनत करने वाली आरफा और सफलता के बीच सिर्फ कुछ अंकों का फासला रहा, जिसे उन्होंने इस साल पूरा किया और 111 वीं रैंक हासिल की।
इस सफलता के लिए आरफा अपनी मां को प्रेरणा का स्त्रोत मानती हैं, जिन्होंने हमेशा अपने बच्चों की पढ़ाई को सबसे ऊपर रखा। आरफा का मानना है कि वो जिस बनारस की गंगा-जमुनी तहज़ीब में पली पढ़ी बढ़ी है, वो हम सबको साथ लेकर चलने के बारें में बताती है। वो लड़कियों के लिए रोल मॉडल बनना चाहती हैं, ताकि उनकी आगे बढ़ने में हिचक खत्म हो और वे तरक्की का परचम लहराएं।
इस ख़बर को पूरा पढ़ने के लिए hindi.awazthevoice.in पर जाएं।
ये भी पढ़ें: सुअर पालन से 18 वर्षीय नम्रता कमा रही हैं लाखों का मुनाफा
आप हमें Facebook, Instagram, Twitter पर फ़ॉलो कर सकते हैं और हमारा YouTube चैनल भी सबस्क्राइब कर सकते हैं।