जोधपुर के कुछ लोगों ने करीब 9 दशक पहले भावी पीढ़ी को शिक्षित कर उन्हें आदर्श नागरिक बनाने का एक ख्वाब देखा था। देश की उन्नति और विकास में अपना योगदान देने के इस ख्वाब को पूरा करने की कोशिश करती है जोधपुर की संस्था मारवाड़ मुस्लिम एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी। अब ये सोसाइटी अपनी कोशिशों से देश की प्रगतिशील अल्पसंख्यक संस्थानों में शुमार हो रही है।
मारवाड़ मुस्लिम एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी की स्थापना साल 1929 में समाज के कमजोर वर्गों और विशेष रूप से मुस्लिमों के बीच शिक्षा के विकास को बढ़ावा देने के लिए हुई थी। आज ये सोसाइटी लड़कों और लड़कियों के लिए 33 शैक्षणिक संस्थान चलाती है जिसमें एक विश्वविद्यालय, सात कॉलेज और अलग अलग स्तरों पर कई स्कूल और प्रशिक्षण केंद्र इसमें शामिल हैं।
इस सोसाइटी से सालाना 1700 स्टूडेंट निकलते हैं। जिसमे तमाम मज़हब के लोगों के बीच मोहब्बत व नैतिक, सामाजिक मूल्यों के साथ छात्रों को शिक्षित किया जाता है।
यह सोसाइटी सामाजिक कामों में भी बढ़चढ़ कर हिस्सा लेती है। सोसाइटी की तरफ से माई ख़दीजा अस्पताल और रिसर्च सेंटर खोला है। जिसमें आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए कम खर्च पर इलाज की सुविधा दी जाती है। ऐसे ही रहमतुल्लाह अलामिन ब्लड डोनेशन कैंप, जकात फंड और शरिया बैंकिंग को चलाया जा रहा है।
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