परवेज़ यूसुफ़ को “कश्मीर का बर्ड मैन” कहा जाता है। उन्होने कश्मीर के पक्षियों से जोड़कर अपनी अनोखी पहचान बनाई है। वे पक्षियों के दीवाने हैं, और यही दीवानगी उन्हें एक प्रमाणित बर्ड स्पेशलिस्ट, लेखक, गाइड, रिसर्चर, और साइंस पत्रकार बना चुकी है। उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि कश्मीर के पक्षियों पर एक अनोखी किताब है, जिसमें 2,000 से ज्यादा तस्वीरें और 60,000 शब्दों की जानकारी है। इस किताब में कश्मीर में पाए जाने वाले 677 पक्षियों की जानकारी दी गई है। परवेज़ यूसुफ़ की यह किताब न सिर्फ पक्षी प्रेमियों के लिए, बल्कि शोधकर्ताओं और नेचर को चाहने वालों के लिए भी एक अनमोल खजाना है।
परवेज़ यूसुफ़ का बचपन शुरू हुआ पक्षियों के प्रति प्रेम
परवेज़ यूसुफ़ का पक्षियों के प्रति प्रेम बचपन से ही शुरू हुआ। पंपोर में पले-बढ़े, वे प्रसिद्ध चटलाम वेटलैंड रिजर्व जैसे खूबसूरत झील के बीच बड़े हुए। छोटी उम्र से ही, उन्होंने इन क्षेत्रों में आने वाले प्रवासी पक्षियों को देखा, जिसने उनकी जिज्ञासा को जगाया। इस पर विचार किया कि ये पक्षी लोगों के भविष्य को कैसे प्रभावित करेंगे। यूसुफ कहते हैं, “मैं इन प्रवासी पक्षियों को देखते हुए बड़ा हुआ हूं, और यहीं से मेरी रुचि शुरू हुई।”

2017 में, यूसुफ ने कश्मीर केंद्रीय विश्वविद्यालय में इंटीग्रेटेड बी.एससी.-एम.एससी. भूविज्ञान में दाखिला लिया। पढ़ाई के अलावा लोकल ऑर्गनाइज़ेशन के साथ जुड़े रहे। वह कश्मीर की अलग-अलग जगहों पर जाकर पक्षियों को देखने के लिए फील्ड ट्रिप पर जाया करते थे। जिससे उनकी धीरे-धीरे पक्षियों को जानने की नॉलेज भी बढ़ती गई।
इसके अलावा उनके कोर्स ने उन्हें साइंटीफिक नॉलेड्ज और रिसर्च मेथड में मज़बूती दी, जिससे उनका पक्षीविज्ञान के प्रति जुनून और बढ़ा। एक्सपीरियंस लोगों के साथ काम करते हुए, यूसुफ ने अपना अनुभव बढ़ाया।
कैसे आया पक्षियों पर किताब लिखने का विचार?
कश्मीर के पक्षियों पर किताब लिखने का विचार यूसुफ़ के मन में तब आया जब वह जम्मू-कश्मीर के पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित एक पक्षी-दर्शन उत्सव में गए थे। वहां उन्होंने देखा कि कई बच्चे ऐसी किताब की मांग कर रहे थे जो उन्हें क्षेत्र में पाए जाने वाले अलग-अलग पक्षी प्रजातियों को पहचानने में मदद कर सके।

यूसुफ़ ने DNN24 को बताया कि, ” साल 2023 में मैंने ‘बर्ड्स ऑफ जम्मू एंड कश्मीर, इनक्लूडिंग लद्दाख’ नाम से एक किताब प्रकाशित की थी। जिसे नई दिल्ली में सतत पर्यावरण पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (आईसीएसई) में लॉन्च किया गया था। जहां लोगों से अच्छी प्रतिक्रिया मिली। किताब सिर्फ पक्षी देखने वालों और शोधकर्ताओं के लिए नहीं, बल्कि क्षेत्र के पक्षियों के बारे में ज्यादा जानने में रुचि रखने वाले लोगों के लिए भी एक महत्वपूर्ण ज़रिया है। ये किताब क्षेत्र की सभी पक्षी प्रजातियों को कवर करती है। अगर हम जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के बारे में बात करें, तो हमारे यहां कुल मिलाकर 677 पक्षी प्रजातियां हैं।” यूसुफ़ बताते हैं कि इस क्षेत्र में पक्षी प्रजातियों की विविधता का श्रेय इसके अलग-अलग जलवायु क्षेत्रों को दिया जा सकता है।
किताब में स्थानीय ज्ञान का संरक्षण
कश्मीर का बर्ड मैन यूसुफ़ की किताब का एक ख़ास पहलू यह है कि इसमें कश्मीरी, डोगरी और लद्दाखी भाषाओं में पक्षी प्रजातियों के स्थानीय नाम शामिल हैं। उन्होंने देखा कि बहुत से लोग पक्षियों के स्थानीय नाम जानते थे, लेकिन वे अक्सर उनके अंग्रेजी नामों से अनजान थे। इन स्थानीय नामों को शामिल करके, यूसुफ का लक्ष्य पारंपरिक ज्ञान को संरक्षित करना और किताब को स्थानीय समुदायों के लिए आसान बनाना है। यूसुफ़ बताते हैं, “इस किताब के ज़रिए, मैंने स्थानीय और वैज्ञानिक दोनों नामों को बढ़ावा देने की कोशिश की है।”

जम्मू, कश्मीर और लद्दाख में पक्षी विविधता के बारे में जागरूकता बढ़ाकर, यूसुफ ज्यादा लोगों को इन प्रजातियों और उनके आवासों की रक्षा में रुचि लेने के लिए प्रेरित करना चाहते हैं।
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