जावेद एक अनुभवी थिएटर कलाकार हैं जिन्होंने वर्षों तक मंच पर अलग-अलग किरदार निभाए हैं। राम का किरदार निभाने का फ़ैसला उन्होंने लिया तो उन्हें एहसास हुआ कि ये सबसे मुश्किल भूमिका होगी। जावेद मानते हैं कि राम को जानने के लिए केवल रामायण देखना काफ़ी नहीं है, इसे गहराई से पढ़ना और समझना भी ज़रूरी है।जावेद राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से एक्टिंग सीखी है और 100 से ज़्यादा नाटकों में अभिनय किया है। वे कई बॉलीवुड फिल्मों में भी काम कर चुके हैं। हाल ही में, उन्होंने जनकपुरी ईस्ट के रामलीला मैदान में राम का किरदार निभाया है।

जावेद ने कहा कि राम के गुणों ने उन्हें इस भूमिका के लिए आकर्षित किया। राम एक आदर्श व्यक्ति हैं जिनमें शालीनता, धैर्य और दया के गुण हैं। वे एक धनुष और एक वचन धारण करने वाले व्यक्तित्व हैं। राम के चरित्र से जावेद को काफ़ी लगाव है। जावेद ने राम का किरदार निभाने के लिए कड़ी मेहनत की। उन्होंने अपना वज़न कम किया, सिर्फ़ शाकाहारी खाना खाया और अपने व्यवहार में बदलाव किया। उन्होंने कहा कि राम के कुछ गुणों को वे अपनी ज़िंदगी में भी अपनाना चाहेंगे। जावेद का मानना है कि कला, संगीत और रंगमंच से अलग-अलग धर्मों के लोगों के बीच समझ बढ़ती है। वे आगे भी ऐसे किरदार निभाना चाहते हैं जिनसे समाज में प्यार और सम्मान बढ़े।
जावेद के परिवार और दोस्तों ने उन्हें इस किरदार के लिए प्रेरित किया। उन्होंने जावेद को बताया कि राम ने शबरी के झूठे बेर खाकर भक्ति और विश्वास का महत्व बताया था। जावेद की कहानी हमें सिखाती है कि कला और रंगमंच के ज़रिए हम धार्मिक भेदभाव को दूर कर सकते हैं और समाज में सद्भावना फैला सकते हैं। राम का किरदार निभाकर जावेद ने साबित किया है कि धर्म से परे हम सभी एक हैं।
इस ख़बर को आगे पढ़ने के लिए hindi.awazthevoice.in पर जाएं
ये भी पढ़ें: कश्मीर की सायका राशिद: पेशे से इंजीनियर दिल से कैलीग्राफी आर्टिस्ट
आप हमें Facebook, Instagram, Twitter पर फ़ॉलो कर सकते हैं और हमारा YouTube चैनल भी सब्सक्राइब कर सकते हैं।