कंस किला मथुरा में यमुना नदी के तट पर स्थित है और यह सबसे ज्यादा जिक्र होने वाले प्राचीन महल में से एक है। इसका इतिहास महाभारत काल से भी पुराना होने की आशय है और कई लोगों का मानना है कि यह पांड्वों के लिए एक विश्राम घर था। हालांकि, कई इतिहासकार का मानना है कि 16वीं सदी में जयपुर के राजा मान सिंह ने इसे पुन: निर्मित किया था। कंस किला संरचनात्मक सुंदरता से जाना जाता है और भारतीय स्थापत्य सर्वेक्षण द्वारा सुरक्षित स्थल के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। प्राचीन काल में इस क्षेत्र के शासक कंस राजा के नाम से जाना जाता है

मथुरा का कंस किला वास्तुकला, इतिहास और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण स्थान है। यह महल हिंदू और मुगल शैली के मिश्रण को दर्शाता है, जो मथुरा के इतिहास में हिंदू-मुगल सम्मिलन का प्रतीक है। यह फोर्ट अपने सुंदर वास्तुकला और इतिहासिक महत्व के कारण भी प्रसिद्ध है। कंस किले में हिंदू देवी-देवताओं के साथ-साथ मुग़ल शैली के भी बेहद खूबसूरत वास्तुकला का उदहारण देखा जा सकता है, जो मथुरा की संस्कृतिक विविधता को दर्शाता है। हालांकि, कई दिवार आज खंडहर में तब्दील हो चुके हैं |