20-Sep-2024
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झुग्गी-झोपड़ियों में रह रहें बच्चों को फ़्री में शिक्षा दे रही फौजिया नाहिद

फौजिया ने आजतक अपने स्कूल के लिए किसी से कोई फंड नहीं मांगा। उनका परिवार मिलकर स्कूल संभालते है

पुरानी दिल्ली की रहने वाली फौजिया नाहिद जो झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले बच्चों में शिक्षा की लौ जला रही हैं। बच्चों को फ़्री में एजुकेशन मुहैया करा रही हैं। पहले फौजिया ने इलाके की झुग्गी-झोपड़ियों घूमकर वहां के बच्चों से दोस्ती की, उनको जाना और उनको धीरे धीरे पढ़ाना शुरू किया। बाद में बच्चों की लगन को देखते हुए 2019 में एक स्कूल स्थापित किया जो आईएनएम ट्रस्ट के बैनर तले शुरू हुआ।

फौजिया नाहिद ने आवाज़ द वॉयस को बताया कि ग्रेटर नॉएडा में आईएनएम अकादमी के तीन स्कूल है। जहां करीब 200 बच्चें मुफ़्त में पढ़ने आते हैं। अब स्कूल आठवीं कक्षा तक के बच्चों को सीबीएससी बोर्ड के सिलेब्स के तहत पढ़ाता है। शिक्षा के साथ-साथ बच्चों को खाना भी दिया जाता है। इसके अलावा एडमिशन के साथ दो यूनिफॉर्म, कॉपी, किताबें भी दी जाती हैं। बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रहे इसके लिए वह एक्स्ट्रा एक्टिविटी भी करवाती हैं।

बच्चों को स्कूल तक लाने के लिए उनके घर तक गई

फौजिया को शुरुआत में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। क्योकि बच्चों के पैरेंट्स उन्हे स्कूल नहीं भेजना चाहते थे। इसके लिए वो बच्चों को स्कूल तक लाने के लिए उनके घर तक गईं और उनके पेरेंट्स से बात की। उन्होंने बस्ती के लोगों और उनके बच्चों दोनों को जागरूक किया। जिसके बाद पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल भेजने लगे।

फौजिया का उद्देश्य समाज के वंचित लोगों को उच्च शिक्षा से जोड़ना है। फौजिया बताती हैं कि उन्होंने आजतक अपने स्कूल के लिए किसी से कोई फंड नहीं मांगा। उनका परिवार मिलकर स्कूल संभालते है और बच्चों की शिक्षा का सारा खर्च उठाते हैं। इसमें केवल शिक्षा ही नहीं, मेडिकल सुविधा, ज़रूरतमंद छात्रों की स्कॉलरशिप जैसी तमाम सुविधाएं शामिल हैं।

फौजिया नाहिद पुरानी दिल्ली में रहती है। लेकिन उनकी मां अलीगढ़ में AMU School (मिंटो सर्कल) में उर्दू पढ़ाया करतीं थी और उनकी स्कूली शिक्षा अलीगढ़ में ही हुई। इसके बाद 1983 में सोशोलॉजी में उन्होनें AMU से मास्टर्स पूरी की इसके बाद जर्नलिज्म में उन्होनें डिप्लोमा भी किया। आज फौजिया का सपना है कि बच्चों की आगे की शिक्षा पाने में उनका ट्रस्ट बच्चों की मदद करेगा।

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