21-May-2025
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मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की पुस्तक से समाज और देश के लिए एक नई दिशा

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की ओर से प्रकाशित नई पुस्तक "वक़्फ़ बिल 2024: रिस्पेक्ट फॉर इस्लाम एंड गिफ्ट फॉर मुस्लिम" को जेपीसी चेयरमैन जगदंबिका पाल ने "आंखें खोलने वाला दस्तावेज़" बताया।

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की ओर से प्रकाशित नई पुस्तक “वक़्फ़ बिल 2024: रिस्पेक्ट फॉर इस्लाम एंड गिफ्ट फॉर मुस्लिम” ने पूरे देश में नई बहस और चर्चा शुरू कर दी है। इस पुस्तक का विमोचन 19 नवंबर को वरिष्ठ सांसद और संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के चेयरमैन जगदंबिका पाल के आवास पर किया गया। इस मौके़ पर कई प्रमुख हस्तियां मौजूद थीं। जेपीसी चेयरमैन जगदंबिका पाल ने इस पुस्तक को “आंखें खोलने वाला दस्तावेज़” बताते हुए इसकी सराहना की। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ़ मुस्लिम समाज ही नहीं, बल्कि सभी वर्गों के लिए एक अहम पैग़ाम लेकर आई है।

पाल ने कहा, “यह पुस्तक वक़्फ़ संपत्तियों के ज़रिए शिक्षा, स्वास्थ्य, और रोज़गार के अवसर बढ़ाने पर ज़ोर देती है। अगर सही तरीके से प्रबंधन किया जाए, तो ये संपत्तियां मुस्लिम समुदाय की उन्नति में अहम भूमिका निभा सकती हैं।”जेपीसी की रिपोर्ट में इस पुस्तक के सुझावों और तथ्यों को गंभीरता से शामिल करने की बात भी कही गई। पाल ने इसके लेखकों – डॉ. शाहिद अख्तर, डॉ. शालिनी अली, अधिवक्ता शिराज कुरैशी और वरिष्ठ पत्रकार शाहिद सईद – की कोशिशों की भी तारीफ़ की।

राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा ने इसे मुस्लिम समाज और पूरे देश के लिए एक ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक वक़्फ़ संपत्तियों की सही स्थिति और उनके पारदर्शी प्रबंधन की ज़रूरत को उजागर करती है। लालपुरा ने कहा, “वक़्फ़  संपत्तियां एक बड़े संसाधन के रूप में उभर सकती हैं। अगर इन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य और समाज कल्याण के लिए इस्तेमाल किया जाए, तो यह पूरे देश के लिए फायदेमंद होगा।” उन्होंने इसे एक जागरूकता अभियान बताया, जो मुस्लिम समुदाय के साथ-साथ दूसरे अल्पसंख्यक समुदायों को भी प्रेरित करेगा।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ नेता राम लाल ने भी इस पुस्तक की सराहना की। उन्होंने इसे समय की ज़रूरत बताते हुए कहा कि यह मुस्लिम समाज में आत्मनिर्भरता और जागरूकता बढ़ाने में मददगार होगी।राम लाल ने कहा, “वक़्फ़  संपत्तियां किसी एक समुदाय की निजी संपत्ति नहीं हैं। यह एक धरोहर है, जिसे सही तरीके से प्रबंधित कर समाज की सेवा में लगाया जाना चाहिए।” उन्होंने इसे समाज में एकता और सद्भावना बढ़ाने की कोशिश बताया।

यह पुस्तक वक़्फ़ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन के जरिए मुस्लिम समाज की स्थिति सुधारने की दिशा में काम करने का रोडमैप देती है। इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य और रोज़गार को प्राथमिकता देने की बात कही गई है।”वक़्फ़  बिल 2024 को केवल मुस्लिम समाज के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक जागरूकता अभियान के रूप में देखा जा रहा है। यह पुस्तक समाज में समानता और सद्भावना बढ़ाने में भी मदद करेगी।

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