कश्मीर में शरद ऋतु, जिसे लोकल भाषा में ‘हरुद’ कहा जाता है, अपने पूरे रंग में है। यह मौसम घाटी को सुनहरे और भूरे रंगों में रंग देता है। इन ख़ूबसूरत नज़ारों को देखने के लिए बड़ी तादाद में पर्यटक कश्मीर की ओर खिंचे चले आ रहे हैं। श्रीनगर के मशहूर मुगल गार्डन जैसे निशात, शालीमार, हरवान और चश्माशाही इस समय पर्यटकों से भरे हुए हैं। यहां चिनार के पेड़ों के पत्ते इस मौसम में हरे से सुनहरे और भूरे रंग में बदल जाते हैं जो हर किसी को मंत्रमुग्ध कर देते हैं। इन पेड़ों के नीचे घूमते हुए पर्यटक यादें बना रहे हैं।
दिल्ली से आई एक पर्यटक ने बताया, “यहां का मौसम और नज़ारे बेहद ख़ूबसूरत हैं। मैंने पहली बार कश्मीर देखा और मुझे यह जगह दिल से पसंद आई। जो लोग अभी तक यहां नहीं आए हैं, वे इस अद्भुत अनुभव को मिस कर रहे हैं।”
स्थानीय लोगों के लिए भी यह मौसम ख़ास है। एक छात्रा फराह ने कहा, “हम इसे सुनहरा मौसम कहते हैं। इस समय घाटी की ख़ूबसूरती अपने चरम पर होती है। इतने सारे पर्यटक यहां आए हैं, तो हमने भी इसे देखने का सोचा।”

शरद ऋतु में न सिर्फ़ कश्मीर की प्राकृतिक सुंदरता देखने लायक होती है, बल्कि यहां की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत भी जीवंत होती है। पर्यटन से स्थानीय कारीगरों और छोटे व्यवसायों को बड़ा सहारा मिलता है। पर्यटक जब यहां की परंपराओं, हस्तशिल्प और खानपान का अनुभव करते हैं, तो स्थानीय लोगों को अपनी कला और संस्कृति को बनाए रखने का प्रोत्साहन मिलता है।
हस्तशिल्प से लेकर स्थानीय परिवहन सेवाओं तक, हर क्षेत्र में विकास हो रहा है। इस मौसम में आने वाले पर्यटक न केवल यहां की सुंदरता का आनंद लेते हैं, बल्कि स्थानीय समुदायों के लिए रोज़गार और विकास के नए अवसर भी लेकर आते हैं।
कुल मिलाकर, कश्मीर की शरद ऋतु केवल एक मौसम नहीं है, यह एक ऐसा अनुभव है जो हर किसी के दिल में बस जाता है। अगर आपने अभी तक इस सुंदरता को नहीं देखा, तो आपको ज़रूर एक बार कश्मीर आकर इसे महसूस करना चाहिए।
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