17-May-2024
HomeENGLISHASSAMअसमिया मुसलमानों ने बिरयानी को तबदील किया कुर्मा पुलाव में 

असमिया मुसलमानों ने बिरयानी को तबदील किया कुर्मा पुलाव में 

कुर्मा पुलाव: भारत खान-पान के मामले में विविधताओं से भरा हुआ है। उत्तर पूर्वी इलाके की ज़्यादातर स्वदेशी जनजातियां गैर-मसालेदार उबला हुआ भोजन पसंद करती हैं। असम और त्रिपुरा के मैदानी इलाके में रहने वाले लोगों की आदतें हूबहू पश्चिम बंगाल जैसी ही हैं। देश के अन्य हिस्सों के मुसलमानों से अलग, असम के स्वदेशी मुसलमान, जो ज़्यादातर इलाके के स्वदेशी समुदायों से परिवर्तित हैं।

यहां कम तेल में पकाए गए गैर-मसालेदार व्यंजनों के शौकीन ज़्यादा हैं। हालाँकि, असम के बंगाली भाषी मुसलमान पश्चिम बंगाल के समान अपनी थाली पसंद करते हैं।

कुर्मा पुलाव
Korma Pulao – कुर्मा पुलाव (Photo: Awaz The Voice)

स्वदेशी असमिया मुसलमानों के व्यंजन ज़्यादातर राज्य के उनके हिंदू के समान हैं. टमाटर और जड़ी-बूटियों के साथ पकाई गई तीख़ी गैर-मसालेदार मछली,उबले हुए चावल, बांस के ख़ोख़ले में पकाई गई मछली, चिकन,अदरक-लहसुन मसालेदार भुना हुआ मांस असम के मुस्लिम और हिंदू दोनों असमिया समुदायों के बीच आम व्यंजन हैं।

बिरयानी, कबाब, हलीम आदि जैसे मुगलई व्यंजन असम की थाली में नए जोड़े गए हैं। वह भी बमुश्किल लगभग दो दशक पहले। दरअसल, असमिया मुसलमानों ने बिना मसाले वाली बिरयानी का एक अलग तरीका ईजाद किया है। इसे कुर्मा पुलाव कहा जाता है। कुर्मा पुलाव शायद एकमात्र ऐसा व्यंजन है जिसके बारे में असमिया मुसलमान दावा कर सकते हैं कि यह उनका अपना नुस्ख़ा है। मीट कुर्मा के साथ बेहद बढ़िया जोहा चावल से तैयार, यह रेसिपी केवल असम का अनोख़ा त्वरित व्यंजन है।

सामग्री में जोहा चावल, मांस, अदरक, लहसुन, प्याज, तेल (घी), नमक, तेज पत्ता, दालचीनी, काली मिर्च, इलायची और लौंग शामिल हैं। गरम मसाला की थोड़ी मात्रा का उपयोग कच्चे ठोस रूप में सिर्फ पुलाव में स्वाद जोड़ने के लिए किया जाता है।

इस ख़बर को पूरा पढ़ने के लिए hindi.awazthevoice.in पर जाएं।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments