हिजाबी ट्रैकर के नाम से उभर रही हाइका अवती ट्रैकिंग के ज़रिए अपनी एक अलग पहचान बना रही हैं। उन्होंने शिव जन्मस्थान किला शिवनेरी में छत्रपति शिवाजी महाराज को याद करके अपनी ट्रैकिंग यात्रा शुरू की। अब तक वो तोरणा, हरिश्चंद्रगढ़, कोरीगाड, कोकंदीवा, राजमाची, भुइकोट, समुद्री किले, पर्वतीय किले जैसी कई जगहों पर घूम-घूमकर जानकारी इकट्ठा कर चुकी हैं।
हाइका का सोशल मीडिया पर ‘हिजाबी ट्रैकर’ नाम से एक चैनल है। उनके travel व्लॉग यूट्यूब और इंस्टाग्राम पर भी काफी popular हैं। वो अपने सोशल मीडिया के ज़रिए महाराष्ट्र की संस्कृति, किलों के इतिहास को बताने की कोशिश करती हैं। महाराष्ट्र के समृद्ध इतिहास वाले जुन्नर तालुका में जन्मी हाइका को बचपन से ही किलों के बारे में जानने का शौक था। हाइका को स्कूल के दिनों से ही आउटडोर खेलों में रूचि थी। हाइका महज़ नौ साल की उम्र से ही तायक्वोंडो का अभ्यास कर रही हैं।
महिलाओं के लिए ट्रैकिंग ग्रुप खोलने का है सपना
हाइका का बचपन गाँव में बीता। उनके समुदाय में खेल और ट्रैकिंग लोकप्रिय हैं। महिलाओं के लिए उच्च शिक्षा दर कम है। ऐसे में उन्होंने खेल के प्रति अपने जुनून को बरकरार रखते हुए अपनी शिक्षा पूरी की।
उन्हे खेलने की प्रेरणा कैसे मिली इस बारे में आवाज़ द वॉयस को हाइका ने बताया कि “शिव जन्मभूमि में पैदा होने के कारण मुझमें बचपन से साहसिक भावना रही है। मेरा कोई भाई नहीं है, इसलिए मुझ पर अपनी और अपनी बहनों की सुरक्षा की जिम्मेदारी थी। इस लिहाज से, खेल के प्रति अपने प्यार की वजह से मैंने आत्मरक्षा के लिए ताइक्वांडो सीखा। मुझे ट्रैकिंग का शौक भी पैदा हुआ।”
हाइका अवती अब पुणे के एक प्रतिष्ठित कॉलेज से एलएलबी की पढ़ाई कर रही हैं। साथ ही वो अपने खेल और ट्रैकिंग के शौक को भी आगे बढ़ाना चाहती हैं। आर्थिक रूप से सक्षम होने के बाद वो महिलाओं के लिए एक ट्रैकिंग ग्रुप बनाना चाहते हैं। इसके अलावा बुजुर्ग महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए एक फिटनेस ट्रेनिंग सेंटर भी शुरू करना चाहती हैं।
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