असम की राजधानी गुवाहटी से लगभग 45 किलोमीटर दूर दामपुर गांव (Dampur Village in Assam) पूरी तरह से स्वदेशी असमिया मुस्लमानों (Assamese Muslims) द्वारा बसा हुआ है। भले ही यहां लगभग 100 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है, लेकिन इसने भारत में मुस्लिम गांव से जुड़े कई मिथकों और रूढ़िवादी आवधारणाओं को तोड़ा है।
यहां चार सरकारी उच्च विद्यालय हैं, जिनमें से एक छात्राओं के लिए है, विज्ञान स्ट्रीम के लिए एक निजी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, नौ सरकारी प्राथमिक विद्यालय, एक सरकारी उच्च मदरसा विद्यालय, दो जातीय विद्यालय (स्थानीय भाषा माध्यम के विद्यालय अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों की तर्ज पर चलते हैं) ) और दामपुर में चार निजी अंग्रेजी माध्यम स्कूल शामिल है।
इस गांव के लोग अपने स्वयं के वित्तीय और अन्य साजो-सामान योगदान से दामपुर इस्लामिक मदरसा चलाते हैं। मदरसे की प्रबंधन समिति के अध्यक्ष हैदर अली सैकिया ने आवाज द वॉयस को बताया कि मदरसा इस्लामी शिक्षा के अलावा अपने छात्रों को आधुनिक शिक्षा भी प्रदान करता है।
दामपुर में मस्जिदों की बात करे तो यहां 26 मस्जिदें हैं और हर मस्जिद में इमाम शांति और भाईचारे का संदेश देते हैं। दामपुर के लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर काफी जागरूक हैं। गांव में एक राजकीय औषधालय और दो उपकेंद्र हैं, जहां पर्याप्त संख्या में डॉक्टर, नर्स, पैरा मेडिकल स्टाफ उपलब्ध हैं।
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