04-Oct-2024
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संभल की सीटी: देश-विदेश के फुटबॉल ग्राउन्डस में गूंजती है सीटी की आवाज़

संभल में हस्तकला उद्योग का एक समृद्ध इतिहास रहा है और यह लगातार फलता-फूलता जा रहा हैं. अतः संभल की सीटी सिर्फ एक उत्पाद नहीं है, बल्कि भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और पारंपरिक शिल्प का प्रतीक हैं.

संभल, भारत में उत्तर प्रदेश राज्य का एक ऐसा शहर है जो पारंपरिक हस्तशिल्प के लिए एक केंद्र है और पीढ़ियों से चला आ रहा है. यह शहर राज्य की राजधानी लखनऊ के उत्तर-पश्चिम में स्थित है, और अपने 150 साल पुराने हस्तकला उद्योग के लिए जाना जाता है जो दुनिया भर में प्रसिद्ध है. इस क्षेत्र के लगभग 80% परिवारों के हस्तकला उद्योग में शामिल होने के साथ, संभल ने अपने अद्वितीय और उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों के लिए एक मजबूत प्रतिष्ठा स्थापित की है.

संभल के पारंपरिक शिल्प केवल फर्नीचर की सजावट, आभूषण, कंघी, हैंडल, बटन और कटलरी तक ही सीमित नहीं हैं बल्कि इसमें एक अत्यधिक लोकप्रिय उत्पाद भी शामिल है जिसे दुनिया भर में पहचान मिली है – सीटी. इस सीटी की आवाज़ पूरी दुनिया में फुटबॉल के मैदानों का पर्याय बन गई हैं. रेफरी, पालतू जानवरों के प्रशिक्षक व अन्य सभी को सीटी काफी पसंद हैं. चार बार फिफा विश्व कप जीत चुकी जर्मनी की टीम के साथ-साथ फुटबॉलर भी मैदान में सीटी का इस्तेमाल करते हैं.

सीटी का उत्पाद

सीटी का उत्पादन एक जटिल प्रक्रिया है जिसके लिए धैर्य, सटीकता और कौशल की आवश्यकता होती है. संभल के शिल्पकार यह सुनिश्चित करने के लिए दिन-रात काम करते हैं. प्रत्येक सीटी उनकी क्षमता के अनुसार और उच्चतम गुणवत्ता की हो. इसकी प्रक्रिया सामग्री को धोने और काटने के साथ शुरू होती है. कई चरणों के बाद ही अंतिम उत्पाद तैयार होता हैं. शिल्पकार नए डिजाइनों के साथ प्रयोग करने में बहुत गर्व महसूस करते हैं, जो उत्पाद की लोकप्रियता को बढ़ाता हैं. सबसे बड़ी सीटी 8.5 सेंटीमीटर की है, जबकि सबसे छोटी सीटी 6.5 सेंटीमीटर की है और दोनों की कीमतें अलग-अलग हैं.

सीटी न केवल खेल में बल्कि प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिए भी उच्च मांग में है. इसकी मज़बूत और स्पष्ट ध्वनि ने इसे एक बेजोड़ उत्पाद के रूप में ख्याति दिलाई हैं. सीटियों की डिमांड इतनी ज्यादा है कि शिल्पकारों को हर महीने हजारों सीटियों का ऑर्डर मिल जाता हैं. केवल एक सप्ताह में वे लगभग 1000 सीटियों का उत्पादन कर सकते हैं. जर्मनी और कतर सहित विभिन्न देशों से ऑर्डर आ रहे हैं, जिनमें सबसे अधिक मांग जर्मनी में रहती हैं.

संभल का समृद्ध इतिहास

DNN24 से बात करते हुए हस्तकला उद्योग से जुड़े मोहम्मद निसत ने कहा कि सीटियों की मांग बढ़ रही है. शिल्पकार अपने ग्राहकों की मांगों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं. मुरादाबाद, अलीगढ़, कानपुर और कई अन्य जगहों से सीटियों की मांग की पूर्ति की जाती हैं.

संभल में हस्तकला उद्योग का एक समृद्ध इतिहास रहा है और यह लगातार फलता-फूलता जा रहा हैं. अतः संभल की सीटी सिर्फ एक उत्पाद नहीं है, बल्कि भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और पारंपरिक शिल्प का प्रतीक हैं. यह शिल्पकारों के कौशल, दृढ़ता और सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले उत्पादों के उत्पादन के लिए उनकी अटूट प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करता हैं. संभल की समृद्ध विरासत और भारत के पारंपरिक शिल्प की याद दिलाते हुए दुनिया भर के फुटबॉल के मैदानों में सीटी की आवाज सुनाई देती रहेगी.

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