पेपर मेसी आर्ट (Paper Messy Art) कागज की लुगदी पर आधारित एक समृद्ध रूप से सजाई गई, रंगीन कलाकृति है। यह सदियों पुरानी शिल्प है जिसका उपयोग मध्य पूर्व, जापान, चीन और भारत सहित दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में सजावटी उद्देश्यों के लिए किया जाता है। पेपर मेसी एक फ्रेंच शब्द है जिसका अर्थ है मसला हुआ या कटा हुआ कागज। जिसे मुस्लिम संत मीर सैय्यद अली हमदानी (Syed Ali Hamdani) द्वारा 14वीं शताब्दी में फारस से मध्ययुगीन भारत में लाया गया था। जम्मू-कश्मीर के रहने वाले शब्बीर अहमद ने पेपर मेसी में 3D आर्ट का मिश्रण कर इसे एक नया रूप दिया है जो लोगों को काफी पसंद आ रहा है।
पेपर मेसी आर्ट असल में जम्मू कश्मीर के आर्ट के तौर पर जाना जाता है। इस आर्ट में महीन यानी बारीक काम ज़्यादा होता है। शब्बीर अहमद (Shabbir Ahmad) ने अपनी ज़िदंगी के करीब 40 साल इस आर्ट को दिये। अब इस कला को नई पहचान दी है। 5 साल पहले शब्बीर ने 3D पोर्ट्रेट की दुनिया में कदम रखा। ये एक ऐसी तब्दीली है जिससे न सिर्फ़ शब्बीर को पहचान मिली बल्कि 3D पोर्ट्रेट भी मशहूर हुए।
पेपर मेसी और 3 D आर्ट से बनाई फेमस पर्सनालिटी की पेटिंग
शब्बीर आहमद की बेटी सानिया ने DNN24 को बताया कि “समय के साथ-साथ टेक्नॉलिजी में कई बदलाव आए है। पेपर मैसी को लोगों ने टेक्नॉलिजी से जोड़ा. पहले जो काम हाथों से किया जाता था वह अब मशीनों से होने लगा। हमारा पूरा घर पेपर मैसी के बदौलत ही चलता था। जब मशीने आ गई तो हमारे घर पर इसका बहुत प्रभाव पड़ा। एक दिन मेरे भाई ने पापा को पेपर मेसी और 3D में बनाने को कहा। और पापा ने एर्तुग़रुल की पेटिंग बनाई. यह उनकी पहली 3D पेटिंग थी। कोरोना काल में एर्तुग़रुल गाज़ी एक ऐसा सीरियल था जिसे लोग काफी पसंद कर रहे थे और काफी फेमस हुआ था। इसलिए उन्होंने एर्तुग़रुल की पेटिंग बनाई। मैं रात को उठी और अचानक से एर्तुग़रुल की फोटो देखी तो मुझे ऐसा लगा जैसे वह जिंदा है और अभी मेरे साथ बात करेगे। तब मैने पापा को कहा कि आप पेपर मैशी को 3D में बदलो।
हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती लोगों को इस आर्ट को समझाने की आई। जब हमारे पास लोगों के ऑर्डर आए तो हमने उन्हे दाम बताए वो कहते थे कि इतने ज्यादा पैसे क्यों? फिर उन्हें इस आर्ट को समझाना पड़ता था कि यह क्या चीज है लोगों को आसानी से समझ नहीं आता था, इसे बनाने में कितना समय लगता है।”
शब्बीर अहमद ने फेमस पर्सनालिटी के 3D पोर्ट्रेट में एर्तुग़रुल ग़ाज़ी वेब सीरीज़ के फेमस कलाकार, एलन मस्क, विराट कोहली -अनुष्का शर्मा और कश्मीर के मशहूर लोग भी इस लिस्ट में शामिल है। सानिया कहती है कि “हमे ज्यादातर ऑर्डर कश्मीर से मिलते है. हमे काफी खुशी होगी कि हमे कश्मीर से बाहर भी ऑर्डर मिले.”
शब्बीर ने 3D पोर्ट्रेट को पेपर मेसी कला में शामिल करके, उसे एक अनूठा और आकर्षक लुक दिया है। सानिया ने dnn24 से बात करते हुए कहा कि, पापा 3D पोटरेट को बहुत लगन से बनाते हैं, इस आर्टवर्क की बहुत लोगों ने तारीफ़ की है. इसी वजह से हमें सोशल मीडिया के ज़रिए ऑर्डर आते है. जो ज़्यादातर कश्मीर से होते हैं।”
कैसे बनती है पेपर मेसी आर्ट
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक पेपर माशी एक प्राचीन शिल्प है, जिसका इस्तेमाल विभिन्न रूपों के मुखौटे, खिलौने और कलाकृतियां आदि तैयार करने के लिए किया जाता है। यह पेपर लुगदी से बनी एक निर्माण सामग्री है, जिसमें अखबार या अपशिष्ट पेपर, मुल्तानी मिट्टी, मेथी पाउडर (सुगंध और कीड़ों से सुरक्षा के लिए), गोंद और पानी का इस्तेमाल किया जाता है।
सबसे पहले, कागज मुख्यतः पेपर को लगभग एक हफ्ते के लिए पानी में भिगोया जाता है। पानी में गलने एवं विघटित होने के बाद इसका पेस्ट में बनाया जाता है। 24 घंटे के लिए पानी में भिगोई मुतानी मिट्टी में गोंद को मिला कागज की लुग्दी के मिलाकर कई आकृतियां बनाई जाती हैं। पूरी प्रक्रिया हाथ से की जाती है और अंत में इस आकृतियों को धूप में सुखाया जाता है। इसके बाद इसे पूर्ण रूप देने के लिए चित्रकारी की जाती है।
ये भी पढ़ें: मोहम्मद आशिक और मर्लिन: एक अनोखी कहानी जिसने बदल दिया शिक्षा का परिपेक्ष्य
आप हमें Facebook, Instagram, Twitter पर फ़ॉलो कर सकते हैं और हमारा YouTube चैनल भी सबस्क्राइब कर सकते हैं।