21-May-2025
Homeहिन्दीफतेहगढ़ साहिब में सिख-मुस्लिम भाईचारा: मीठे चावल से मिठास का संदेश

फतेहगढ़ साहिब में सिख-मुस्लिम भाईचारा: मीठे चावल से मिठास का संदेश

इस परंपरा की शुरुआत नवाब शेर मोहम्मद ख़ान की याद में हुई, जिन्होंने साहिबजादों की शहादत के समय अन्याय के ख़िलाफ आवाज़ उठाई थी।

हर साल हर साल फतेहगढ़ साहिब में तीन दिवसीय शहीदी सभा का आयोजन गुरु गोविंद सिंह जी और माता गुजरी जी के छोटे साहिबजादों की शहादत को श्रद्धांजलि देने के लिए किया होता है। इस मौके पर लाखों श्रद्धालु गुरुद्वारा फतेहगढ़ साहिब पहुंचते हैं। सभा के दौरान कई लंगर लगाए जाते हैं, लेकिन इस बार एक ख़ास लंगर ने सबका ध्यान खींचा। यह लंगर मुस्लिम समुदाय ने माता गुजरी कॉलेज के पास आयोजित किया, जिसे ‘सिख मुस्लिम सांझ और पीस एड एसोसिएशन’ ने मलेरकोटला से आकर लगाया। यहां मीठे चावल (ज़र्दा) परोसे गए, जो आयोजन का मुख्य आकर्षण रहे।

नवाब शेर मोहम्मद ख़ान की विरासत का सम्मान

इस परंपरा की शुरुआत नवाब शेर मोहम्मद ख़ान की याद में हुई, जिन्होंने साहिबजादों की शहादत के समय सरहिंद के फौजदार वजीर ख़ान के अन्याय के ख़िलाफ आवाज़ उठाई थी। डॉ. नसीर अख़्तर ने कहा, “हम मीठे चावल के ज़रिए से मिठास और भाईचारे का संदेश देना चाहते हैं।” इसके अलावा, लाल मसीत पर भी एक अनूठा लंगर आयोजित हुआ। यहां मुस्लिम समुदाय हर साल शहीदी सभा के दौरान गुरुद्वारे को मज़ार की चाबी सौंपता है।

युवा अकाली दल ने ‘मेरी दस्तार मेरी शान’ अभियान के तहत श्रद्धालुओं को मुफ़्त पगड़ी बांधने का भी आयोजन किया। यह सभा न केवल शहीदों को याद करने का मौका है, बल्कि सिख और मुस्लिम समुदायों के बीच एकता और प्रेम का प्रतीक भी है। फतेहगढ़ साहिब का यह आयोजन मानवता के बड़े धर्म का संदेश देता है।

इस ख़बर को आगे पढ़ने के लिए hindi.awazthevoice.in पर जाएं

ये भी पढ़ें: असम के हाजो गांव में है ‘पोवा मक्का’

आप हमें FacebookInstagramTwitter पर फ़ॉलो कर सकते हैं और हमारा YouTube चैनल भी सबस्क्राइब कर सकते हैं

RELATED ARTICLES
ALSO READ

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular