सूफी दुनिया में संस्कृति और अकीदे का मेल डफ में व्यक्त होता है। डफ लकड़ी का गोलाकार वाद्य यंत्र है, जिसे दिल के करीब दाहिने हाथ से बजाया जाता है। इसे डफली कहा जाता है, जब इसमें झांझों के जोड़े लगे हों, तो उसे खंजरी कहा जाता है।
यह वाद्य यंत्र दक्षिण और मध्य एशिया में प्रसिद्ध है और भारत सहित कई देशों में बजाया जाता है। डफ लोक और शास्त्रीय संगीत में अहम भूमिका निभाता है और इसके बिना लोक संगीत अधूरा हो जाता है।
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