जितना ख़ूबसूरत असम है उतनी ही ख़ूबसूरत असम की संस्कृति भी है। असम के नामकरण को लेकर इतिहासकारों में मतभेद हैं। कुछ विद्वानों का कहना है कि असम शब्द संस्कृत के असोमा से बना है, जिसका अर्थ है अद्वितीय। वहीं कुछ विद्वानों का मानना है कि यह शब्द मूल रूप से अहोम से बना है।
असम की संस्कृति, यहां की सांस्कृतिक विरासत समृद्ध है। असम के लोक नृत्यों में बिहू, बागुरुम्बा, भोरट, झूमर और ओजापली नृत्य शामिल हैं। बिहू यहां का मुख्य पर्व है, जो साल में तीन बार मनाया जाता है। रंगाली बिहू या बोहाग बिहू फ़सल की बुआई के वक़्त मनाया जाता है, जबकि भोगली बिहू या माघ बिहू फ़सल के कटने पर मनाते हैं।
यह एक कृषि प्रधान राज्य है। असम की दो तिहाई से ज़्यादा आबादी खेती करती है। यहां की प्रमुख फ़सलों में धान, मक्का, दलहन, तिलहन चाय, गन्ना, आलू, जूट और कपास आदि शामिल हैं। यह राज्य अपनी कलाकृतियों के लिए भी विख्यात है। यहां की धातु, लकड़ी और बांस की कलाकृतियां ख़ूबसूरत होती हैं। यहां का रेशम दुनियाभर में मशहूर है। रेशम की मूंगा क़िस्म का उत्पादन सिर्फ़ असम में ही होता है। देश के सभी पूर्वोत्तर राज्यों में असम की अर्थव्यावस्थाा सबसे बड़ी मानी जाती है। यहां की प्राकृतिक सम्पदा बहुत समृद्ध है।
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