कश्मीर के पहले कमर्शियल पायलट बनकर ओवेस मंजूर ने इतिहास रच दिया है। नॉर्थ कश्मीर के कुपवाड़ा ज़िले के हंगिशर्ट गांव के रहने वाले ओवैस अपने एरिया के पहले कमर्शियल पायलट हैं। ओवैस मंजूर ये बचपन का सपना था कि वो पायलट बनें। उन्होंने आवाज़ द वॉयस को बताया कि वो कॉकपिट को देखकर हमेशा उत्सुक हो जाते थे कि वो कैसे उड़ता है।
उनकी स्कूली शिक्षा कश्मीर में पूरी हुई। 12वीं के बाद उन्होंने एविएशन में एडमिशन लिया। अपनी डीजीसीए एग्ज़ाम पास करने के बाद कर्नाटक में रेड बर्ड फ्लाइट ट्रेनिंग एकेडमी से 200 घंटे की उड़ान पूरी की। उसके बाद उन्होंने एयर इंडिया में जॉब के लिए अप्लाई किया।
वो कहते हैं कि उनके पैरेंट्स उनकी रीढ़ की हड्डी हैं। उन्होंने ओवेस के करियर में पूरा सपोर्ट किया। ओवेस देश की सेवा करने वाले सेना के जवानों का बहुत सम्मान करते हैं। उनका एक ही लक्ष्य है कि एक कमर्शियल एयरलाइन के लिए उड़ान भरना।
जब ओवैस से पूछा गया कि कमर्शियल प्लेन उड़ाने का मतलब सभी यात्रियों की पूरी ज़िम्मेदारी लेना होता है, आप इसे कैसे देखते है? ओवैस ने कहा कि ये अनुभव वक्त के साथ-साथ आता है। कोई भी इंसान बेहतर नहीं होता लेकिन किसी भी चीज़ में महारत हासिल की जा सकती है। उन्हें ऐसे फैसले लेने पर पूरा भरोसा है, जो प्लेन और यात्रियों दोनों की सुरक्षा के लिए है। मेरा संदेश है कि धैर्य रखें, लक्ष्य निर्धारित करें और उस पर काम करें। अगर हम अपना मन बना लें और दूसरी चीजों को अपने ऊपर हावी न होने दें, तो हम कुछ भी हासिल कर सकते हैं।
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