डेंगू में प्लेटलेट्स काउंट (Platelets count): भारत के कई राज्यों, खासकर दिल्ली-एनसीआर में पिछले 15 दिनों में डेंगू के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। ये बढ़ते आंकड़े बाढ़ और अन्य मच्छरजनित रोगों (mosquito borne diseases) के भी खतरे को बढ़ा रहे हैं। इस साल जुलाई तक देश में डेंगू के 136 मामले रिपोर्ट किए गए हैं। अस्पतालों में रोगियों की संख्या बढ़ रही है, हालांकि अधिकतर लोग ठीक होकर घर वापस जा रहे हैं।
डॉक्टरों के अनुसार, डेंगू के मरीजों में हल्के और गंभीर लक्षण दोनों हो सकते हैं। रक्तस्रावी डेंगू को गंभीर स्तर का रूपांतरण किया जाता है। डेंगू में एक चिंताजनक समस्या यह है कि मरीजों में प्लेटलेट्स काउंट कम होने लगते हैं, जिसे खतरनाक माना जाता है।
प्लेटलेट्स, या थ्रोम्बोसाइट्स, हमारे रक्त में छोटे, रंगहीन कोशिकाएं होती हैं, जो थक्कों को बनाती हैं और रक्तस्राव को रोकती हैं। ये बोन मैरो में बनते हैं। स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में प्लेटलेट्स की मात्रा 150,000 से 450,000 प्रति माइक्रोलीटर रक्त होती है। डेंगू के मरीजों में प्लेटलेट्स काउंट कम होने की समस्या अधिक होती है। इस खतरे को कम करने के लिए उचित चिकित्सा और सावधानी जरूरी है।
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