आईएस के चीफ अबु-बकर-अल बगदादी के मारे जाने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने जिस प्रशिक्षित कुत्ते की तस्वीर ट्वीटर पर पोस्ट की वो बेल्जियन मेलिनोइस नस्ल का कुत्ता था। बगदादी के मारे जाने के बाद यह कुत्ता उस वक्त सुर्खियों मे खूब बना रहा। इन कुत्तों को K9 डॉग स्क्वाड के नाम से जाना जाता है।
ये कोई साधारण कुत्ते नहीं है, ये वो कुत्ते हैं जिन्होंने ओसामा बिन लादेन को मारने में अमेरिकी नौसेना ‘Seal team’ की मदद की थी और अब ये कुत्ते असम के जंगलों में घूम रहे है।
क्यूँ ? इसका जवाब आपको इस लेख में मिल जाएग
भारत करता है विदेशों में गैंडे की सींग तस्करी
वियतनाम की ये पारंपरिक विश्वास है कि गैंडे के सींग से कैंसर जैसी लाइलाज बीमारी ठीक हो जाती है। इस वजह से कैंसर से जूझने वाले लोग कीमोथेरेपी के बाद गैंडे के सींग से बने पाउडर का इस्तेमाल करते हैं। इसलिए वियतनाम की आम गलियों में भी गैंडे के सींग की खूब मांग है और ये मांग पूरा करता है भारत. गैंडों का शिकार कर, बेरहमी से उनके धड़ से उनका सींग निकाल कर। दक्षिण एशिया के बाकी देशों, जैसे चीन, वियतनाम, जापान में भी भारत से गैंडे के सींग की तस्करी होती है। असम के राष्ट्रीय उद्यान गैंडों के शिकार के लिए कुख्यात है।
स्थानीय देते हैं शिकारियों को शरण
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सींग की कीमत बढ़ जाने पर अवैध शिकार की घटना भी बढ़ी हैं। गांव में रहने वाले आदिवासियों को गैंडे का शिकार करने की काफी अच्छी कीमत मिल जाती है। इसलिए ये लोग भी शिकार करने में शार्प शूटर का साथ देते है, उन्हे शरण देते हैं। पर कुछ सालों से इन अवैध शिकारियों को रोकने के लिए बेल्जियन मेलिनोइस नस्ल के इस डॉग स्क्वाड की एंट्री असम के जंगलों में हुई है।
क्यों है बेल्जियन मेलिनोइस खास ?
K9 डॉग स्क्वाड काफी स्पेशल हैं। बेल्जियन मेलिनोइस नस्ल के कुत्ते बेहद फुर्तीले होते हैं और इनका इस्तेमाल नक्सल और आतंकी ऑपरेशन में खूब किया जाता है। अपने फुर्तीली रफ्तार, तेज दिमाग, धैर्य और आक्रमकता की वजह से बेल्जियन मेलिनोइस नस्ल के कुत्ते ना सिर्फ अमेरिका बल्कि दुनियाभर की सेनाओं की पहली पसंद हैं। भारत में पठानकोट पर हमले के दौरान एनएसजी ने भी इनका इस्तेमाल किया था। ये एक बार में 30 किलोमीटर तक आसानी से भाग सकते हैं। भारतीय सुरक्षा बलों की बात करें तो सीआरपीएफ, आईटीबीपी और एनएसजी समेत कई सुरक्षा बल इनका इस्तेमाल बड़े ऑपरेशन में करते हैं।
असम में इन जगहों पर तैनात हैं कुत्ते
असम में तैनात इन 6 कुत्तों के स्क्वाड को K-9 डॉग स्क्वाड कहा जाता है। शिकारियों पर नज़र रखने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे छह कुत्तों में से तीन काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में, एक मानस राष्ट्रीय उद्यान और ओरंग राष्ट्रीय उद्यान और एक पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य में तैनात है।
2011 में पहली बार बेल्जियन मैलिनोइस को विश्व धरोहर स्थल, काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में तैनात किया गया था। 2014 में, K-9 डॉग स्क्वायड में एक और यूनिट जोड़ी गई, जो 2019 तक बढ़कर सात हो गई। यह डॉग स्क्वायड तब से राज्य के तीन राष्ट्रीय उद्यान और एक वन्यजीव अभयारण्य में सफलतापूर्वक ऑपरेट कर रहें हैं। ये कुत्ते फॉरेस्ट गार्ड्स को शिकारियों और उनके घर या छुपे हुए जगहों पर पहुंचाते हैं और ऐसे पुलिस शिकारियों को गिरफ्तार कर लेती है।