21-May-2025
HomeHUMAN INTERESTगीता महोत्सव 2024: भगवान श्रीकृष्ण का शाश्वत संदेश फैलाता संस्कृति और आध्यात्मिकता का उत्सव

गीता महोत्सव 2024: भगवान श्रीकृष्ण का शाश्वत संदेश फैलाता संस्कृति और आध्यात्मिकता का उत्सव

हरियाणा की पवित्र भूमि कुरुक्षेत्र में  इंटरनेशनल गीता महोत्सव का आयोजन होने वाला है जो  भारतीय संस्कृति और सभ्यता का आइना है। गीता महोत्सव  का आयोजन 28 नवंबर से 15 दिसंबर तक होगा।

हरियाणा की पवित्र भूमि कुरुक्षेत्र में  इंटरनेशनल गीता महोत्सव का आयोजन होने वाला है जो  भारतीय संस्कृति और सभ्यता का आइना है। गीता महोत्सव  का आयोजन 28 नवंबर से 15 दिसंबर तक होगा। इसकी सबसे ख़ास बात ये है कि तंज़ानिया कंट्री पार्टनर बनेगा। वहीं ओडिशा राज्य इस साल का पार्टनर राज्य है। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने तंज़ानिया की उच्चायुक्त अनीसा कपुफी मबेगा के साथ बैठक में इस बात की घोषणा की।

गीता महोत्सव का आयोजन भारतीय संस्कृति, कला और अध्यात्म के उत्सव है। 18 दिनों तक चलने वाला ये आयोजन आध्यात्मिकता और भगवान श्रीकृष्ण के आशीर्वाद से भरा है। इस धरा पर हजारों सालों पहले भगवान श्रीकृष्ण ने रणभूमी पर गीता के उपदेश दिए जो आज भी हर रूप में प्रासंगिक है। गीता महोत्सव में होने वाले कार्यक्रमों के ज़रिए पेश किया जाएगा। 

गीता महाआरती: ब्रह्मसरोवर के तट पर हर दिन आरती का आयोजन।

संस्कृति कार्यक्रम और शोभायात्रा: तीर्थ स्थलों पर सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और गीता शोभायात्रा।
5 दिसंबर: ब्रह्मसरोवर पर उद्घाटन समारोह और गीता यज्ञ।
9 दिसंबर: संत सम्मेलन।
10 दिसंबर: अखिल भारतीय देवस्थानम सम्मेलन।
11 दिसंबर: गीता जयंती पर 18,000 विद्यार्थियों द्वारा गीता पाठ।
इसके अतिरिक्त, गीता पुस्तक मेला और प्रदर्शनी भी होगी।

तंज़ानिया का इस महोत्सव में कंट्री पार्टनर बनना भारतीय संस्कृति की बढ़ती वैश्विक लोकप्रियता को दर्शाता है। तंज़ानिया में भारतीय प्रवासी समुदाय गीता पाठ और अन्य धार्मिक आयोजनों में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं। यहां कई हिंदू मंदिर और भारतीय त्योहारों का आयोजन भारतीय संस्कृति की गहराई को दिखाता है। तंज़ानिया के लोग भारतीय परंपराओं और मूल्यों का सम्मान करते हैं, जिससे उनकी भागीदारी इस महोत्सव को और ख़ास बनाएगी।

हरियाणा और तंजानिया के बीच लंबे वक्त से सांस्कृतिक और आर्थिक संबंध हैं। हरियाणा के उद्योगपति, किसान और व्यापारी समय-समय पर तंज़ानिया का दौरा करते हैं। मुख्यमंत्री ने तंज़ानिया को “अफ्रीका का प्रवेश द्वार” बताया और कहा कि इस भागीदारी से दोनों क्षेत्रों के बीच आर्थिक और सांस्कृतिक संबंध और मजबूत होंगे।

भारत और तंज़ानिया के रिश्ते को नई ऊंचाई

तंज़ानिया की भागीदारी से ये महोत्सव केवल भारतीय संस्कृति को वैश्विक मंच पर मज़बूत करने का माध्यम नहीं बनेगा, बल्कि भारत और तंज़ानिया के बीच सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों को भी एक नई दिशा देगा।

इस ख़बर को आगे पढ़ने के लिए hindi.awazthevoice.in पर जाएं

ये भी पढ़ें: जयपुर की वीणा, मीणा जनजाति की कला को दे रहीं नई पहचान

आप हमें Facebook, Instagram, Twitter पर फ़ॉलो कर सकते हैं और हमारा YouTube चैनल भी सबस्क्राइब कर सकते हैं

RELATED ARTICLES
ALSO READ

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular