निशात जहां दो बच्चों की मां हैं और उन्होंने दीवारों की चिनाई करना अपनाया है. वे एक कुशल शिल्पी हैं और उनकी काम करने की रफ़्तार का सभी लोगों को हैरानी होती है. वे अपनी शक्ति के बल पर निर्माणाधीन शौचालय की आधी दीवार चिनती हैं. निशात की सहेली ऊषा रानी भी उनके साथ काम करती हैं और वह भी शिल्पी हैं.
विश्व बैंक ने निशात जहां जैसी भवन निर्माण के काम में लगी महिलाओं पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की है.
निशात जहां और ऊषा दोनों झारखंड के हजारीबाग में सिलबार खुर्द गांव में शौचालय निर्माण के काम में लगी हुई हैं. विश्व बैंक के मुताबिक, झारखंड में निर्माण कार्य के लिए 50,000 महिलाओं के मिस्त्री के रूप में प्रशिक्षित किया गया है. निशात जहां उनमें से एक हैं.
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