मेवात क्षेत्र में ‘कस्टमरी लाॅ’ बेटियों के हक पर बाधा, विधवाओं की परेशानियां भी। पैतृक संपत्ति में हिस्सेदारी के लिए संघर्ष जारी, सरकारी प्रयास भी नाकाम। मेवात की महिलाएं कोर्ट में संघर्ष कर रहीं। बदलाव की मांग और मुस्लिम पर्सनल लॉ की आवश्यकता का आह्वान। उलेमा भी कस्टमरी लॉ को निरस्त कराने की मांग।
हरियाणा के मेवात, रेवाड़ी, फरीदाबाद और पलवल के मेव समाज की बेटियों को ‘कस्टमरी लॉ’ में माता-पिता की संपत्ति में कोई अधिकार नहीं होता है। बची हुई संपत्ति रिश्तेदारों के नाम कर दी जाती है। बेटियों की दावेदारी समाप्त हो जाती है और कानूनी लड़ाई भी परेशानी का कारण बन जाती है। कुछ दंपत्ति ने दत्तक पुत्र बनाकर संपत्ति को सुरक्षित रखने का प्रयास किया है, लेकिन उनकी बेटियों का कोई हक नहीं है। यहां सौ शब्दों में यह लिखा जा सकता है.
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