सानिया सिद्दीकी की आंदोलन की कहानी: महिलाएं उनके क्लीनिक में यौवन और माहवारी के बारे में चिंतित होती हैं। पीरियड्स (Periods) पर चर्चा करने की आवश्यकता को महसूस करते हुए उन्होंने यह संदेश दिया कि इसमें कोई शर्म नहीं है। उनकी यह पहल महिलाओं की आवाज बन गई और जगह-जगह इस आंदोलन को बढ़ावा मिला।
डॉ. सानिया सिद्दीकी के जबलपुर छोड़ने के बाद अब वह देशभर में चर्चा की ज़रूरत हैं। सानिया ने कहा कि मासिक धर्म सिर्फ महिलाओं के लिए ही नहीं, बल्कि सभी के लिए मानवीय मुद्दा है और इसे उचित संवेदनशीलता के साथ देखा जाना चाहिए।
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