मोहम्मद यासीन की कहानी संघर्ष और सफलता की मिसाल है, जो यह सिखाती है कि हर कठिनाई को पार किया जा सकता है। केरल के पलक्कड़ ज़िले के छोटे से गांव, विलायुर में जन्मे यासीन ने बचपन से ही संघर्षों का सामना किया। जब वो तीन वर्ष के थे, उनके पिता ने परिवार को छोड़ दिया, और उनकी मां ने अकेले ही बच्चों की परवरिश की।
यासीन ने केवल सात साल की उम्र से काम करना शुरू कर दिया। उन्होंने अख़बार deliver करने, दूध बेचने, पेंटिंग, निर्माण कार्य और फूड डिलीवरी जैसे काम किए, ताकि अपने परिवार का सहारा बन सके और अपनी पढ़ाई जारी रख सकें। मस्जिद में मिलने वाले दाल-भात के सहारे उन्होंने अपनी शिक्षा पूरी की और कभी अपने सपनों से समझौता नहीं किया। पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक और इलेक्ट्रॉनिक्स में डिप्लोमा करने के बाद, 2019 में उन्होंने एर्नाकुलम गवर्नमेंट लॉ कॉलेज में दाखिला लिया।
अपनी पढ़ाई का खर्च जुटाने के लिए वह रात में जोमैटो के लिए फूड डिलीवरी का काम करते थे। उनकी मेहनत ने रंग दिखाया, और वो हमेशा विश्वविद्यालय के टॉप 5 छात्रों में बने रहे। मूट कोर्ट प्रतियोगिताओं में भी उनका प्रदर्शन बेहतरीन रहा। मार्च 2023 में, वकील के रूप में नामांकन कराने के बाद, उन्होंने “उत्कृष्ट वकील” का पुरस्कार भी जीता।
उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि तब आई जब यासीन ने केरल न्यायिक सेवा परीक्षा में दूसरा स्थान हासिल कर मजिस्ट्रेट बनने का गौरव पाया। उन्होंने अपनी सफलता उन उत्पीड़ित वर्गों को समर्पित की, जिनसे वह जुड़े हैं। यासीन की प्रेरणादायक कहानी बताती है कि दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत से कोई भी सपना साकार किया जा सकता है।
इस ख़बर को आगे पढ़ने के लिए hindi.awazthevoice.in पर जाएं
ये भी पढ़ें: तालाबों को नई ज़िंदगी देने वाले रामवीर तंवर की प्रेरणादायक कहानी
आप हमें Facebook, Instagram, Twitter पर फ़ॉलो कर सकते हैं और हमारा YouTube चैनल भी सबस्क्राइब कर सकते हैं