मुस्लिम वर्ल्ड लीग (Muslim World League-MWL) के महासचिव डॉ. मोहम्मद बिन अब्दुल करीम अल-इस्सा (Dr. Mohammed bin Abdul Karim Al-Issa) इन दिनों भारत में एक सप्ताह के दौरे पर हैं। इस दौरे में उन्होंने शुक्रवार को दिल्ली की ऐतिहासिक जामा मस्जिद में जुमा का खुतबा (शुक्रवार का उपदेश) दिया। इस तकरीर को मुस्लिम समुदाय के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
ज्ञात हो कि डॉ. अल-इस्सा ने 2022 की हज यात्रा के दौरान अराफात के मैदान में खुतबा दिया था। यह खुतबा मुस्लिम उम्माह के लिए विशेष माना जाता है और इसे सिर्फ उलेमा को ही दिया जाता है। ऐसी प्रमुख व्यक्तित्व के द्वारा जुमा मस्जिद में तकरीर देना भारतीय मुस्लिमों के लिए विशेष महत्वपूर्ण है।
भारत दौरे के दौरान डॉ. अल-इस्सा ने दो महत्वपूर्ण कांफ्रेंस में हिस्सा लिया है। इन कार्यक्रमों में उनके खुतबे पर विचार करने की उम्मीद है, क्योंकि इससे आम मुस्लिम समुदाय को सांप्रदायिक सौहार्द को बढ़ावा मिलेगा। हालांकि, भारतीय मुस्लिमों की उम्मीद है कि उन्हें डॉ. अल-इस्सा से कुछ और भी सुनने को मिलेगा।
यह जानकारी के अनुसार, अल-इस्सा जामा मस्जिद में बारह बजे के करीब पहुंचेंगे और उनका खुतबा इसके बाद होगा। मस्जिद प्रशासन द्वारा बताया गया है कि उनके आने के बाद मस्जिद में नमाजियों को मिन्बर तक जाने पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।
इस तरह के खुतबे और डॉ. अल-इस्सा द्वारा किए गए बयान बहुत महत्वपूर्ण हैं और सांप्रदायिक सौहार्द को बढ़ावा देने में मदद करेंगे।
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