19-Sep-2024
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पद्मश्री इमरान शाह: मैं दिल और आत्मा से असमिया हूं न बहुमत, न अल्पसंख्यक

इमरान शाह असमिया साहित्य के नवाब है। अपने लेखन के लिए मशहूर इमरान शाह असम के साहित्यिक दिग्गजों में से एक है। उन्हें आम तौर पर असम लेखन का नवाब कहा जाता है। इमरान शाह (Padma Shri Imran Shah) को मागोर एजुकेशन ट्रस्ट द्वारा असम वैली लिटरेरी अवार्ड (2009), असम सरकार द्वारा अजान पीर अवार्ड (2008), साहित्यकार लक्ष्मीनाथ बेजबरूआ अवार्ड (2022), सब्दवा साहित्य अवार्ड, सैयद अब्दुल मलिक अवार्ड (2013) से भी सम्मानित किया गया है।

Padma Shri Imran Shah का जन्म 23 नवंबर 1933 को ढाई अली, शिवसागर में हुआ। उन्होंने आवाज़ द वॉयस को बताया कि “मेरा कॉलेज जीवन शुरू होते ही, मैंने गंभीरता से लिखने के लिए कलम उठा ली थी। मेरी लघु कहानी 1957-58 में अत्यधिक प्रभावशाली असमिया साहित्य पत्रिका रामधेनु में प्रकाशित हुई। तब से मैं बिना रुके लिख रहा हूं। मुझे जो अच्छा लगता है मैं लिखता हूं बदले में लोग मुझे बहुत प्यार देते हैं।

मुझे लिखने में कोई कठिनाई नहीं हुई। जब भी मैं खुद को खाली पाता हूं,अपनी स्याही और कागज लेकर बैठ जाता हूं। जब भी मेरे पास पर्याप्त संसाधन होते हैं, मैं अपनी आदत (लेखन) में शामिल हो जाता हूं। मैं न तो अल्पसंख्यक और न ही बहुसंख्यक हूं, मैं दिल और आत्मा से असमिया हूं। मुझे केवल मेरे नाम के लिए ही क्यों चुना जाना चाहिए?” इमरान शाह हमेशा अपने आप को अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक के विभाजन से दूर रखते हैं। उनका मानना है कि इस प्रकार का विभाजन समाज को हानि पहुँचाता है।

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