विश्व धरोहर सप्ताह के मौके पर श्रीनगर के शेरगढ़ी कॉम्प्लेक्स में एक विशेष प्रदर्शनी आयोजित की गई। इस प्रदर्शनी में 12वीं शताब्दी की पांडुलिपियां, ऐतिहासिक दस्तावेज़, और 1880-1911 की जनगणना रिपोर्ट की प्रतियां प्रदर्शित की गई। इन दस्तावेजों में कल्हण के राजतरंगिणी और डोगरा शासन के आधिकारिक रिकॉर्ड भी शामिल थे।
प्रदर्शनी का उद्घाटन कश्मीर के Divisional Commissioner विजय कुमार बिधूड़ी ने किया। उन्होंने विरासत संरक्षण में डिपार्टमेंट के प्रयासों की सराहना की। उद्घाटन के बाद शेरगढ़ी कॉम्प्लेक्स से एसपीएस म्यूज़ियम तक एक हेरिटेज वॉक का आयोजन किया गया, जिसमें स्टूडेंट्स और रिसर्चर ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया।
स्टूडेंट्स को परी महल, हरिपर्बत किला, और एसपीएस म्यूज़ियम के सांस्कृतिक स्थलों का दौरा कराया गया। इससे स्टूडेंट्स को कश्मीर की ऐतिहासिक विरासत को नज़दीक से जानने का अवसर मिला। चौथे दिन शेर-ए-कश्मीर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र में विरासत भवनों और स्मारकों के संरक्षण पर एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया। विशेषज्ञों ने जम्मू-कश्मीर की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित रखने के तरीकों पर चर्चा की।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य कश्मीर की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करना और इसके महत्व के बारे में जागरूकता फैलाना था। इस प्रदर्शनी और वर्कशॉप ने स्टूडेंट्स, विद्वानों और आम जनता को क्षेत्र की समृद्ध विरासत से जुड़ने का अनूठा मौका दिया।
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