इस्लाम में मदद करने को इबादत का दर्जा दिया गया है। मदद इस तरह करनी चाहिए कि सामने वाले को शर्मिन्दगी का अहसास न हो। एक हाथ से कुछ दो, दूसरे हाथ को ख़बर भी न हो। बिना शोर-शराबे और तस्वीरें वायरल किए, ऐसी मदद असली मदद होती है। जो किसी की ज़रूरत के मुताबिक ज़रूरतमन्द को तन ढकने के लिए कपड़े पहनाएगा, भूखे को खाना खिलाएगा, प्यासे को पानी पिलाएगा, अल्लाह उसे जन्नत में जगह देगा। आज के समय में ऐसे कई लोग हैं, जो दूसरों की मदद करमे के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। नेकी के काम में आगे रहते हैं।
दिल्ली की आज़ाद मार्केट भी इसी की मिसाल है। जहां कई ज़रूरतमंदों तक बुनियादी ज़रूरतें पहुंचाई जाती है। इलाक़े की बाशिन्दा राबिया भी उन्हीं नेक लोगों में से एक है। वो अपनी कई परिचित महिलाओं के साथ मिलकर ज़रूरतमंद लोगों तक कपड़े और सामान पहुंचाती हैं। इस खबर को पूरा पढ़ने के लिए hindi.awazthevoice.in पर जाएं।
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