19वीं सदी में भारत में ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले ने शिक्षा के महत्व को समझाया। वे समझते थे कि शिक्षा से वंचित समुदायों को सशक्त बनाया जा सकता है। ज्योतिबा फुले ने लड़कियों के लिए पहला स्कूल स्थापित किया और सावित्रीबाई फुले पहली महिला शिक्षक बनीं। उन्होंने भेदभाव के खिलाफ लड़ाई लड़ी और समाज सुधार के लिए काम किया। उनके जीवन और कार्य हमें शिक्षा के महत्व को समझाते हैं और हमें ये बताते हैं कि शिक्षा के द्वारा समाज में समानता और सद्भाव का माहौल बनाया जा सकता है।
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