कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की 30 साल की नातिन डॉ. सौंदर्या नीरज ने पोस्टपार्टम डिप्रेशन (Postpartum Depression) की वजह से अपनी जान गंवाई। शिशु को जन्म देने के बाद महिलाएं इस समस्या से जूझ सकती हैं। पोस्टपार्टम डिप्रेशन, मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। बच्चे के जन्म के 2 हफ़्ते बाद इसके लक्षण माँ में दिखाई दे सकते हैं।
पोस्टपार्टम डिप्रेशन 7 में से 1 महिला में ही देखा गया है। इस समस्या का सामना करने वाली महिलाओं की संख्या भारत में भी बढ़ती जा रही है। शिशु को संभालने के बीच महिलाओं के शारीरिक और मानसिक दबाव को ध्यान में रखते हुए, समाज को इस समस्या के बारे में जागरूक होना ज़रूरी है।
बच्चे के जन्म के बाद, महिलाओं के शरीर में हॉर्मोन्स का स्तर कम हो जाता है। हॉर्मोन्स का कम होना उन्हें उदास महसूस कराता है। इसके अलावा, बच्चे की देखभाल में ज़्यादा व्यस्त रहना भी उन्हें थकान महसूस कराता है। ऐसे कई और कारण हैं, जिनकी वजह से बच्चे के जन्म के बाद एक माँ पोस्टपार्टम डिप्रेशन का शिकार हो सकती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के मुताबिक, 2018 में भारत में 20,043 महिलाएं इसकी शिकार थीं। ये बहुत ज़रूरी है कि हम समाज में एक ऐसा वातावरण बनाएं जो माँ बनी औरत को सुरक्षित माहौल दे। पोस्टपार्टम डिप्रेशन से जूझ रही महिलाओं को कई थेरेपीज़ के ज़रिए भी मदद कर सकते हैं। इस खबर को पूरा पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर पर जाएं।
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