पुणे की दो दोस्त समीना शेख़ और शबाना मिलकर आठ सालों से ‘फ्यूचर फाउंडेशन’ नाम से एक संगठन चला रही हैं। संगठन का उद्देश्य स्टूडेंट्स के शैक्षिक पिछड़ेपन को दूर कर उन्हें शिक्षा की धारा में लाना है। आर्थिक स्थिति और अशिक्षा बच्चों की शिक्षा में बड़ी समस्या बनती जा रही है। इसलिए उन्होने साल 2016 बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए फ्यूचर फाउंडेशन की स्थापना की।
समीना शेख और शबाना दोनों मुस्लिम समुदाय में सर्वे किया और महसूस किया कि बच्चे घर की आर्थिक स्थिति के कारण शिक्षा प्राप्त करने में असमर्थ है। उच्च ड्रॉपआउट दर के पीछे भी यही कारण है। समीना ने आवाज़ द वॉयस को बताया कि ”मुस्लिम परिवारों में कई माता-पिता के पास सही रोजगार नहीं है। इसके कारण कई परिवारों में लगातार आर्थिक अस्थिरता बनी रहती है। इससे छुटकारा पाने के लिए बच्चों को भी जल्दी कमाना पड़ता है। इसलिए मुस्लिम बच्चों में बाल श्रम की दर ज्यादा है। उपाय करना जरूरी है , इसलिए हमने परिवारों को अच्छा रोजगार उपलब्ध कराने को प्राथमिकता दी”।
फ्यूचर फाउंडेशन ये सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा है कि मुस्लिम समुदाय के युवाओं को उच्च शिक्षा मिले, उनके लिए विदेशी शिक्षा के दरवाजे खुलें और उन्हें रोजगार के अवसर मिले। संस्थान जागरूकता अभियान और शिविर भी आयोजित करता है जिससे अल्पसंख्यक समुदाय के लिए छात्रवृत्ति जरूरतमंदों को उपलब्ध हो।
समीना का कहना है कि अगर परिवार की महिला का विकास हो जाता है तो वो सभी का ख्याल रख सकती है। इस बात को ध्यान में रखते हुए समीना और शबाना ने मुस्लिम महिलाओं को रोजगार दिलाने के लिए कड़ी मेहनत की।
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