कोलकाता के रहने वाले वली रहमानी (Wali Rahmani) जब 19 साल के थे, तब उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाने का सपना देखा था। शिक्षा की यह क्रांति ऐसे बच्चों के लिए जो आर्थिक रूप से कमजोर है। 2019 में उन्होंने ‘उम्मीद’ अकादमी (Ummid Academy) के नाम से 10 बच्चों के साथ इस प्रोजेक्ट को शुरू किया। फिलहाल वह 300 स्टूडेंट्स को तमाम सुविधाओं के साथ इस्लामिक-कॉन्वेंट शिक्षा दे रहे है। इसके अलावा 1500 बच्चों ने दाखिले के लिए आवेदन कर रखा है।
वली रहमानी अभी 25 वर्ष के हैं और कानून के अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रहे हैं। उन्होंने देश के बेहतरीन स्कूलों सेंट जेम्स, कोलकाता और जेनेसिस ग्लोबल स्कूल, नोएडा से पढ़ाई की है। सिंगापुर इंटरनेशनल स्कूल मुंबई में आयोजित टर्नकोट डिबेट में राष्ट्रीय स्तर का स्वर्ण पदक जीता है।
वली रहमानी की माने तो, ‘उम्मीद’अकादमी सिर्फ एक संस्था ही नहीं, एक सपने की अभिव्यक्ति है। यह बेसहारा और गरीब बच्चों, असहाय अनाथों के समग्र विकास की दिशा में काम करता है। उन्हें अपने जीवन पर नियंत्रण रखने में सक्षम बनाता है। इसका लक्ष्य इन बच्चों को, जिन्हें वर्तमान में समाज के प्रति दायित्व माना जाता है, समाज की संपत्ति में परिवर्तित करना है। कोलकाता मे जिस जगह उम्मीद अकादमी चल रही है, वह पर्याप्त नहीं है, इसलिए दो एकड़ में भव्य परिसर तैयार कराया जा रहा है। वली रहमान कहते है उनका यह प्रयोग सफल रहा तो, देश के मुसलमानों से 100-100 रूपये लेकर ऐसे ही 100 स्कूल और बनाए जाएंगे।
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