हैदराबाद का सालार जंग संग्रहालय भारत के सबसे प्रसिद्ध और अमीर संग्रहालयों में से एक है। ये संग्रहालय न सिर्फ़ अपनी ख़ूबसूरत इमारत बल्कि अपने अंदर समेटे अनमोल खज़ाने के लिए भी जाना जाता है। इस संग्रहालय की शुरुआत हैदराबाद के नवाब मीर यूसुफ़ अली ख़ान सालारजंग III ने की थी। उन्होंने दुनिया भर से कलाकृतियां इकट्ठी की और उन्हें एक साथ रखा। उनके इंतकाल के बाद ये संग्रहालय जनता के लिए खोल दिया गया। सालारजंग संग्रहालय में आपको दुनिया भर की कलाकृतियां मिलेंगी। यहां आपको भारत, फारस, मिस्र, यूरोप और उत्तरी अमेरिका की मूर्तियां, पेंटिंग, वस्त्र, चीनी मिट्टी की चीजें, धातु के बर्तन, कालीन, घड़ियां और फर्नीचर के टुकड़े देखने को मिलेंगे। इसके अलावा, यहां प्राचीन अरबी और फारसी पांडुलिपियां और पुस्तकें भी हैं।
अगर आप इतिहास, कला और संस्कृति में रुचि रखते हैं, तो सालार जंग संग्रहालय आपके लिए एकदम सही जगह है। यहां आकर आप न केवल कला का आनंद ले सकते हैं बल्कि विभिन्न संस्कृतियों के बारे में भी जान सकते हैं। इस संग्रहालय में आपको दुनिया की विभिन्न संस्कृतियों की झलक मिलेगी। यहां आपको कई ऐसी कलाकृतियां मिलेंगी जो दुनिया में कहीं और नहीं देखने को मिलेंगी।

पांडुलिपियों के संग्रह में अरबी, फ़ारसी, उर्दू, तुर्की, डेक्कन, संस्कृत, उर्दू, पुश्तो, हिंदी और तेलुगु जैसी विभिन्न भाषाओं में कागज़, वस्त्र, ताड़ के पत्ते, कांच, लकड़ी और पत्थर पर लिखे गए ग्रंथ शामिल हैं। संग्रह में विभिन्न कला विद्यालयों से संबंधित 1,500 से ज़्यादा सुलेख पेंटिंग और लघु पेंटिंग एल्बम भी हैं। संग्रहालय का वातावरण बहुत शांत और सुंदर है, जहां आप कला का आनंद ले सकते हैं। ये संग्रहालय बच्चों और युवाओं के लिए एक शैक्षिक केंद्र भी है। सालार जंग संग्रहालय भारत का एक अनमोल खज़ाना है। ये संग्रहालय हमें हमारी समृद्ध विरासत से जोड़ता है। अगर आप हैदराबाद आते हैं, तो सालार जंग संग्रहालय को देखना न भूलें। संग्रहालय सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक खुलता है। भारतीयों के लिए 20 रुपये और विदेशियों के लिए 200 रुपये का टिकट है।
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