एमएफ हुसैन (मकबूल फिदा हुसैन – Maqbool Fida Hussain) भारत के मशहूर चित्रकार थे। उन्होंने अपनी चित्रकारी के जरिए न सिर्फ गांधी, मदर टेरेसा, रामायण और महाभारत की कहानियां दुनिया के सामने रखी, बल्कि उन्होंने भारत के शहरों और गांवों के लोगों की जिंदगियों के रंगों को भी कैनवास पर उतारा। उनका काम लाखों डॉलर में बिका। आज वो इस दुनिया में नहीं है लेकिन उनकी चित्रकारी की कला को 18 वर्षीय बिहार के रेहान रजा (Rehan Raza) कैनवास पर अपने हाथों से उकेरकर जीवंत कर रहे हैं।
रेहान रजा बिहार के कटिहार जिले के बेनीबाड़ी गांव के रहने वाले है। अल्पसंख्यक बहुल सीमांचल का यह पिछड़ा क्षेत्र है। इसलिए यहां के लोग पेटिंग से रूबरू नहीं हैं, लेकिन रेहान ने अपनी जिद्द और जुनून से इलाके की सोच बदल दी। उन्हें पिछले साल सितंबर में इन्फ्लुएंसर बुक ऑफ वल्ड रिकॉड्स में अपना नाम दर्ज करा कर लोगों को हैरत में डाल दिया। इससे पहले उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर स्केचिंग आर्ट में गोल्ड मेडल जीता था।
छोटी उम्र में रेहान के घर वाले उन्हें डॉक्टर या इंजीनियर बनाना चाहते थे लेकिन रेहान ने अपने दिल की सुनी और पेंटिंग को ही अपना पेशा बनाने की ठानी। रेहान पद्म विभूषण से सम्मानित महान चित्रकार एमएफ हुसैन की तरह बनना चाहते हैं। उनका सपना है कि लिओनार्दो दा विंची की मोनालिसा पेंटिंग की तरह उनकी पेंटिंग भी विश्व स्तर पर पहचानी जाए और उसकी भी पेंटिंग एक दिन लाखों-करोड़ों में बिके। कला के क्षेत्र में रेहान अपनी अलग पहचान बनाना चाहते हैं।
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