दिल्ली घराने से ताल्लुक रखने वाले उस्ताद असग़र हुसैन भारत ही नहीं दुनियाभर में एक जाना माना नाम है। वो पिछले चार दशकों से राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वायलिन वादन कर रहें हैं। वह पीएम मोदी के पसंदीदा कलाकारों में से एक हैं। उन्होंने शास्त्रीय संगीत के महारथी मेहदी हसन, जगजीत सिंह, हरिहरन जैसे दिग्गज कलाकारों के साथ वायलिन बजाया है।
उस्ताद असग़र हुसैन ने आवाज़ द वॉयस को बताया कि उन्होंने पहली बार वायलिन अपने पिता के साथ आकाशवाणी रेडियो में देखा था। उस वक्त वो 6 साल के थे तभी उन्होंने सोच लिया था कि वो वायलिन ही बजाएंगे। करीब 10 साल की उम्र में उन्होंने वायलिन सीखना शुरू किया और अपना पहला वायलिन परफॉर्मेंस आकाशवाणी में दी और सबका दिल जीत लिया। उसके बाद उनका ये सफर थमा नहीं और लगातार अखबारों की सुर्खियां बनते रहें।
ओमान के सुल्तान हैथम बिन तारिक की भारत यात्रा पर उस्ताद असग़र हुसैन को पीएम मोदी की तरफ से न्योता मिला था और उन्होंने हैदराबाद हाउस वायलिन बजाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया था। प्रधानमंत्री मोदी को उनका वायलिन बजाना इतना पसंद आया कि उन्होंने वायलिन की जी भरकर तारीफ की और हुसैन को लंच पर आमंत्रित किया।
उस्ताद असग़र हुसैन ने आवाज़ द वॉयस को बताया कि वायलिन एकमात्र ऐसा वाद्य यंत्र है, जो दुनिया के हर कोने में अलग तरह से बजाया जाता है।
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