उर्दू साहित्य में कई ऐसे बड़े नाम है, जिन्होंने अपनी लेखनी का लोहा मनवाया है। हाल ही में ‘द पैराडाइस ऑफ़ फूड’ नॉवेल को जेसीबी अवॉर्ड फ़ॉर लिटरेचर-2022 से सम्मानित किया गया। ये उपन्यास ‘नेमतखाना’ का अंग्रेज़ी अनुवाद है। ‘नेमतखाना’ को लिखा है जामिया मिल्लिया इस्लामिया के उर्दू विभाग के शिक्षक प्रो. खालिद जावेद ने।
प्रो. खालिद जावेद ने अपनी किताब ‘नेमतखाना’ में बच्चों को उर्दू पढ़ाने की अहमियत के बारे में बताया है। उन्होंने उर्दू भाषा को अपनी विशेषताओं के कारण उत्कृष्ट माना है। उर्दू भाषा की सबसे अधिक विशेषता यह है कि यह एक समृद्ध भाषा है जो कई भाषाओं के शब्दों, व्यंजनों और वाक्यांशों को शामिल करती है। उर्दू भाषा उन लोगों के लिए भी महत्वपूर्ण होती है जो इसे नहीं बोलते हैं, क्योंकि यह एक भाषा है जो विभिन्न संस्कृतियों के बीच संबंध बनाने में मदद करती है।
उर्दू भाषा को सीखने से बच्चों के विचार विस्तारित होते हैं और वे अपनी सोच को एक नए स्तर तक ले जाते हैं। इसके साथ ही, उर्दू भाषा की सीख से बच्चों की भाषा और साहित्य के प्रति रुचि भी बढ़ती है। इससे उन्हें अपनी संस्कृति और अपने देश के साथ गहरी जुड़ाव महसूस होता है।
इसलिए, प्रो. खालिद जावेद ने बच्चों को उर्दू पढ़ाने की जरूरत को बताया है। इस खबर को पूरा पढ़ने के लिए hindi.awazthevoice.in पर जाएं।
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