नकोदर, जालंधर जिले का एक पुराना कस्बा, पंजाब में सूफी फकीरों से भरा हुआ है। इस डेरे का नाम ‘डेरा मुराद शाह’ (Dera Baba Murad Shah) है और इसे पंजाब के गुरुओं-पीरों की धरती में से एक माना जाता है। पहले नकोदर बेआबाद था और मुगल सल्तनत के कुछ वंशज इसे अपना चुके थे। लेकिन मुगलिया दौर के अंत में, नकोदर उजाड़ हो गया था। अब यह सूफी फकीरों से भरा हुआ है और इसका डेरा दुनिया भर में मशहूर है।
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