नई दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में मुस्लिम स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन (MSO) ने एक कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। इसमें “राष्ट्र निर्माण में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की भूमिका” पर चर्चा की गई। मुख्य अतिथि के रूप में जामिया हमदर्द यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफ़ेसर मोहम्मद अफशार आलम और रिटायर्ड आईपीएस और मॉरीशस के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शांतनु मुखर्जी शामिल हुए। प्रोफ़ेसर मोहिबुल हक़ (एएमयू), और राष्ट्रीय सहारा (उर्दू) के ग्रुप एडिटर अब्दुल माजिद निज़ामी ने भी कॉन्फ्रेंस में विचार साझा किए।
प्रोफ़ेसर अफशार आलम ने एएमयू के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय शिक्षा, विज्ञान, राजनीति, समाजसेवा और खेल के क्षेत्रों में देश को बड़ी उपलब्धियां दे चुका है। वहीं, शांतनु मुखर्जी ने साहित्य, फिल्म, और खेलों में एएमयू के योगदान की तारीफ की और कहा कि इसने हमेशा भाईचारे और धर्मनिरपेक्षता को बढ़ावा दिया है।
प्रोफ़ेसर मोहिबुल हक़ ने कहा कि एएमयू को अपनी ऐतिहासिक धरोहर को याद रखना चाहिए और ऐसे स्टूडेंट तैयार करने चाहिए, जो समाज और राष्ट्र को नई पहचान दिला सकें। अब्दुल माजिद निज़ामी ने कहा कि एएमयू के वर्तमान और पूर्व छात्रों की ज़िम्मेदारी है कि वो सर सैयद के मिशन को आगे बढ़ाएं।
कॉनफ्रेंस में MSO के चेयरमैन डॉ. शुजात अली कादरी ने संगठन के समाजसेवा के कार्यों पर प्रकाश डाला, जबकि धन्यवाद ज्ञापन MSO कैंपस के राष्ट्रीय सचिव मोहम्मद यूसुफ़ ने किया।
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