महाराष्ट्र की चवदार झील पर एक ऐसी ऐतिहासिक घटना घटी जिसकी वजह से हर साल देशभर से दलित समुदाय के लोग झील को देखने के लिए आते हैं। इस साल भी झील पर बहुजन समुदाय के लोग आए लेकिन ख़ास बात यह रही कि इन दिनों रमज़ान का महीना चल रहा है। ये तो सब जानतें हैं कि रमज़ान का पाक महीना न सिर्फ उपवास और इबादत का महीना है बल्कि सेवा और मदद का महीना भी है, इसलिए मुस्लिम समुदाय ने चवदार झील पर आए लोगों की सेवा करने का बीड़ा उठाया।
साल 1927 में डॉ. बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर के नेतृत्व में महाराष्ट्र की चवदार झील पर भारत में दलितों के लिए समानता की लड़ाई लड़ी गई थी। इसी झील पर बाबासाहेब और उनके मानने वालों को पानी की पहुंच से अलग कर दिया गया था। इसी झील को देखने के लिए देशभर से दलित बहुजन समुदाय के लोग आते हैं।
इस साल जब देशभर से दलित अंबेडकर को श्रद्धांजलि देने के लिए चवदार झील पर एकसाथ आए, तो महाड का मुस्लिम समुदाय उनके लिए इफ्तार का आयोजन करने के लिए आगे आया। झील पर इफ़्तार दलित और मुस्लिम समुदायों के बीच एकजुटता और भाईचारे का एक शक्तिशाली प्रतीक था, और इसे बहुत तारीफें मिली।
ये पहली बार था कि चवदार झील पर इफ़्तार किया गया हो। महाड में इफ़्तार कई लोगों और संगठनों के प्रयासों की बदौलत सफल रहा। बड़ी संख्या में सभी धर्मों के लोग शामिल हुए।
इस ख़बर को पूरा पढ़ने के लिए hindi.awazthevoice.in पर जाएं।
ये भी पढ़ें: सुअर पालन से 18 वर्षीय नम्रता कमा रही हैं लाखों का मुनाफा
आप हमें Facebook, Instagram, Twitter पर फ़ॉलो कर सकते हैं और हमारा YouTube चैनल भी सबस्क्राइब कर सकते हैं।