इस साल गणतंत्र दिवस के अवसर पर पद्मश्री पुरस्कारों का ऐलान हो चुका है। ये पुरस्कार राजस्थान भीलवाड़ा के बहरूपिया कलाकार जानकीलाल, जयपुर के ध्रुपद गायक लक्ष्मण भट्ट तैलंग, राजस्थान से गनी मोहम्मद, मांड गायक बंधु अली मोहम्मद, बीकानेर के रहने वाले अली मोहम्मद और गनी मोहम्मद बंधुओं को संयुक्त रूप से पुरस्कार मिलेगा साथ ही सड़क सुरक्षा कार्यकर्ता माया टंडन को 2024 पद्मश्री पुरस्कार से नवाज़ा जाएगा।
राजधानी जयपुर के जेके लॉन हॉस्पिटल की पूर्व सुपरिटेंडेंट रही माया टंडन को समाजिक सेवा क्षेत्र में पद्मश्री पुरस्कार से नवाज़ा जाएगा। माया टंडन ने 28 साल पहले ‘सहायता संस्था’ नाम से एक एनजीओ की शुरूआत की। उनकी यह संस्था लोगों को रोड सेफ्टी को लेकर जागरूक करती है।
भीलवाड़ा के जानकीलाल को लोग बहरूपिया बाबा के नाम से भी जाते है। उन्होंने बहरूपिया यानी भांड कला को विदेशों तक पहचान दिलाई है। जयपुर के लक्ष्मण भट्ट तैलंग को ध्रुपद गायकी का संत साधक भी कहा जाता है। ध्रुपदाचार्य पंडित लक्ष्मण भट्ट तैलंग का पूरा जीवन इस गायन शैली को संवारने में निकल गया।
वहीं मीरा, कबीर और भजन वाणी गाकर सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश कर रहे गजल और मांड गायकी के उस्ताद अली गनी भाई बीकानेर के तेजरासर गांव के रहने वाले है। उन्होंने गज़ल के साथ मांड गायकी को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दिलाई है। उन्होंने आवाज द वॉयस को बताया कि मांड गायकी की पारंपरिक शैली को संरक्षित करने के साथ इसे आधुनिक रूप भी दिया गया है। इसके अलावा मांड गायकी को अलग अलग भाषाओं में भी प्रस्तुत किया गया ताकि सभी लोग इससे परिचित हो सके। 2024 पद्मश्री पुरस्कार के लिए वह बहुत उत्साहित है।
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