असम के हैलाकांडी जिले के एक छोटे से गांव से ताल्लुक रखने वाले डॉ. मुस्तफा बरभुइया का नाम 2024 की पैथोलॉजिस्ट पावर लिस्ट में टॉप 100 प्रभावशाली लोगों में शामिल किया गया हैं। उन्होंने पैथोलॉजी के क्षेत्र में इनोवेशन, लीडरशिप और अचीवमेंट के कारण यह सम्मान पाया है।
डॉ. मुस्तफा बरभुइया का सफर आसान नहीं था। उन्होंने शुरुआती पढ़ाई अपने गांव के बहादुरपुर स्थित सुनहर अली मेमोरियल हाई स्कूल से पूरी की। उन्होंने बताया कि, “मैं गांव से कीचड़ भरी सड़कों पर साइकिल चलाकर शहर जाकर मैथ और साइंस की क्लास लेता था।” इसके बाद उन्होंने ग्वालियर के जीवाजी कॉलेज से बायोकेमिस्ट्री में मास्टर्स और पीएचडी की पढ़ाई की। फिर, 2013 में वे एडवांस पोस्टडॉक्टरल ट्रेनिंग के लिए अमेरिका के जॉन्स हॉपकिंस स्कूल ऑफ मेडिसिन गए।
उनका सपना भारत लौटकर असम में क्लिनिकल बायोकेमिस्ट्री और मॉलिक्यूलर डायग्नोस्टिक्स की लैब स्थापित करना था। लेकिन उस समय उपयुक्त नौकरी न मिलने के कारण उन्हें अमेरिका में ही काम करना पड़ा। उन्होंने पेन स्टेट कॉलेज ऑफ मेडिसिन से क्लिनिकल केमिस्ट्री फेलोशिप पूरी की और अब वे पश्चिमी मैसाचुसेट्स, यूएसए में एक प्रमुख पैथोलॉजी सेंटर में अनुभाग चिकित्सा निदेशक के पद पर कार्यरत हैं।
इसके साथ ही, वे यूमास चैन मेडिकल स्कूल में प्रोफेसर हैं और एक वैश्विक गैर-लाभकारी संस्था, “फाउंडेशन फॉर एडवांसमेंट ऑफ एसेंशियल डायग्नोस्टिक्स” की स्थापना भी की है। उनके रिसर्च का मुख्य फोकस लीवर और पित्ताशय के कैंसर पर है, और वे लगातार अपने शोध को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।
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