अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के भव्य कार्यक्रम के अवसर पर रामपुर रज़ा लाइब्रेरी (Raza Library, Rampur) में अलग-अलग भाषाओं में लिखी रामायण पांडुलिपियों की प्रदर्शनी लगाई गई है। यह 17 जनवरी से 28 जनवरी 2024 तक जारी रहेगी। इस प्रदर्शनी का उद्घाटन विधायक आकाश सक्सेना और संयुक्त मजिस्ट्रेट अभिनव जैन ने किया।
प्रदर्शनी की शुरुआत विद्वान सैयद नवेद कैसर शाह के भक्ति भजन और डॉ. प्रीति अग्रवाल के श्री राम स्तुति से हुई। मुख्य अतिथि ने कहा, इस अनूठी प्रदर्शनी के माध्यम से जो बात प्रस्तुत की गई है, वह यह है कि हर कोई जानता है कि भगवान श्री राम 500 साल बाद अपने घर में विराजने वाले हैं। जिस तरह भगवान श्री राम के अयोध्या आने पर अयोध्या में दिवाली का त्योहार मनाया गया था, उसी तरह हम पूरे देश में यह त्योहार मना रहे हैं, इसलिए यह प्रदर्शनी लगाई गई है।
प्रदर्शनी में 1627 में मुल्ला मसीह पानीपती द्वारा फारसी में अनुवादित रामायण, 18वीं शताब्दी में घासीराम द्वारा उर्दू में लिखी गई रामलीला, अहमद ख़ान द्वारा लिखित किस्सा राम, श्री गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखित रामायण पर पंडित ज्वाला प्रसाद मिश्र की टिप्पणी, पंडित राजाराम द्वारा संस्कृत प्रोफेसर द्वारा लिखित वाल्मिकी टिप्पणियों के साथ अध्यात्म रामायण सेतु पर राजा राम वर्मा के 1847 के व्याख्यात्मक नोट्स और उल्लेखनीय रामायण से संबंधित पांडुलिपियों और ब्लो-अप रामायण का प्रदर्शन किया गया।
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