कश्मीर की खूबसूरत वादियों में एक जिला ऐसा भी है जहां दो अलग अलग समुदाय के लोग एक ही जगह प्रार्थना करते है। कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के त्रेहगाम गांव में एक जगह पर मंदिर-मस्जिद है। दो धार्मिक स्थलों के सामने एक प्रसिद्ध तालाब त्रेहगाम के करीब दर्जनों गांवों के लिए पानी का मुख्य स्त्रोत है।
तालाब का पानी मंदिर और वुजू दोनों के लिए उपयोग किया जाता है। यहां के स्थानीय लोग तालाब को हिंदू-मुस्लिम एकता (Hindu–Muslim Unity) का प्रतीक मानते है. तालाब में कई मछिलयां है लेकिन कभी भी किसी समुदाय ने मछलियों को नुकसान नहीं पहुंचाया।
पीर अब्दुल रशीद के अनुसार इस तालाब का ऐतिहासिक महत्व है और यहां तक कि सर वाल्टर रोपर लॉरेंस ने भी अपनी प्रसिद्ध पुस्तक “द वैली ऑफ कश्मीर” में इस तालाब के बारे में लिखा है। यह तालाब न केवल एक लाख लोगों के लिए पीने के पानी का एक बड़ा स्रोत है, बल्कि यह गर्मियों में एक हजार कनाल से अधिक कृषि भूमि को सिंचित करता है।
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